'स्कूलों के सुचारू संचालन के लिए लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए शौचालय अत्यंत आवश्यक': जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने एक महीने की समय सीमा तय की

Shahadat

5 Aug 2023 6:40 AM GMT

  • स्कूलों के सुचारू संचालन के लिए लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए शौचालय अत्यंत आवश्यक: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने एक महीने की समय सीमा तय की

    जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि के लिए त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया।

    चीफ जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह और जस्टिस वसीम सादिक नरगल की खंडपीठ ने पर्याप्त बुनियादी ढांचे के सर्वोपरि महत्व पर जोर देते हुए कहा,

    “...लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए शौचालय के प्रावधान के साथ-साथ चारदीवारी का निर्माण स्कूलों के सुचारू संचालन के लिए नितांत आवश्यक है। इसलिए उपरोक्त कार्य जो प्रगति पर हैं, उन्हें इस आदेश की प्रति संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराने की तारीख से एक महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाए।

    यह निर्देश 2017 में ऑल जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख टीचर्स फेडरेशन द्वारा दायर जनहित याचिका में पारित किया गया, जिसमें स्कूलों में उचित बुनियादी ढांचे और पर्याप्त छात्र-शिक्षक अनुपात की मांग की गई।

    सुनवाई के दौरान, न्यायालय का ध्यान समग्र शिक्षा, जम्मू-कश्मीर के परियोजना निदेशक द्वारा प्रस्तुत स्टेटस रिपोर्ट की ओर आकर्षित किया गया, जिसमें AWP&B (सिविल कार्य) समग्र शिक्षा के तहत चल रहे और पूर्ण किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला गया। विशेष रूप से रिपोर्ट से पता चला कि शौचालयों के निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अभी भी प्रगति पर हैं।

    इस पर ध्यान देते हुए पीठ ने संबंधित अधिकारियों को एक महीने की सख्त समय सीमा के भीतर लंबित परियोजनाओं में तेजी लाने का आदेश दिया।

    अदालत ने कहा,

    "हम प्रशासन से 53 और 27 लड़कों और लड़कियों के शौचालयों के साथ-साथ स्टेटस रिपोर्ट में उल्लिखित 433 चारदीवारी और 140 चारदीवारी के संबंध में प्रगति की सटीक अवस्था और पूरा होने की अवधि के बारे में जानना चाहेंगे, यदि पहले से ही पूरा नहीं हुआ है।"

    इसके अलावा, न्यायालय ने स्कूलों के लिए भूमि की अनुपलब्धता के मुद्दे को हल करने के महत्व पर जोर दिया और प्रशासन को चुनौती से निपटने के लिए यदि आवश्यक हो तो अनिवार्य अधिग्रहण सहित उठाए गए कदमों की रूपरेखा बताते हुए विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    इसके अतिरिक्त, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के डीएसजीआई वकील विशाल शर्मा को सुनवाई की अगली तारीख तक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में स्कूलों में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

    अब इस मामले की सुनवाई 18 सितंबर को होगी।

    केस टाइटल: ऑल जेएंडके लद्दाख टीचर्स फेडरेशन बनाम जम्मू-कश्मीर राज्य और अन्य

    याचिकाकर्ता के वकील: प्रणव कोहली, सीनियर एडवोकेट और फरहान मिर्जा, सुमित नैय्यर।

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