तिहाड़ के कैदी अंकित गुर्जर की मौत का मामला- दिल्ली हाईकोर्ट ने डीजी, जेल से स्थिति रिपोर्ट मांगी, जिसमें अन्य कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों का संकेत हो

LiveLaw News Network

13 Sep 2021 9:03 AM GMT

  • तिहाड़ के कैदी अंकित गुर्जर की मौत का मामला- दिल्ली हाईकोर्ट ने डीजी, जेल से स्थिति रिपोर्ट मांगी, जिसमें अन्य कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों का संकेत हो

    तिहाड़ जेल के भीतर 29 वर्षीय गैंगस्टर अंकित गुर्जर की कथित हत्या के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को जेल महानिदेशक से स्थिति रिपोर्ट मांगी, जिसमें अधिकारियों द्वारा कैदियों की सुरक्षा से सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों का संकेत करने की मांग की गई है।

    ज‌स्टिस मुक्ता गुप्ता इस घटना के चश्मदीद गवाह होने का दावा करने वाले पांच कैदियों की याचिका पर विचार कर रही थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें डर है कि उनके बयान बदलने के लिए उन पर दबाव डाला जाएगा। याचिका एडवोकेट महमूद प्राचा के माध्यम से दायर की गई है।

    याचिका दायर करने वाले तीन कैदी इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि उनमें से दो अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। उनकी अंतर‌िम जमानत 24 सितंबर को समाप्त हो रही है। अंतरिम जमानत पर छूटे दो याचिकाकर्ताओं ने अंकित गुर्जर के परिवार को सूचित किया था कि बाहर आने के तुरंत बाद उन्हें बेरहमी से पीटा गया था। इसी के तहत मामले में पीसीआर कॉल की गई।

    कोर्ट ने मामले को 27 सितंबर को सूचीबद्ध करते हुए कहा, "जेल महानिदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि याचिकाकर्ता संख्या एक से तीन जो हिरासत में हैं और याचिकाकर्ता संख्या चार और पांच जो आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें एक ऐसे क्षेत्र के अंदर रखा जाए, जहां सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह से काम कर रहे हों ताकि उनके सेल में आने जाने वाले लोगों पर नज़र रखी जा सके।"

    अदालत ने पिछले सप्ताह अंकित गुर्जर की मौत की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दी थी। आज सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील राजेश कुमार ने अदालत को बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।

    अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख तक डीजी, जेल से स्थिति रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने कहा, "इस बीच, चूंकि याचिकाकर्ता नंबर एक और दो का मामला है कि उन्हें चोटें आई हैं,इसलिए स्टेटस रिपोर्ट में उनकी एमएलसी भी शामिल होगी।"

    अंकित गुज्जर चार अगस्त को तिहाड़ जेल के भीतर मृत पाया गया था। उसे सेंट्रल जेल नंबर 3 में बंद किया गया था। घटना के बाद डीजीपी ने चार अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया था, जिनमें उपाधीक्षक, दो सहायक अधीक्षक और एक वार्डन शामिल थे।

    अदालत का विचार था कि मामले में राज्य और महानिदेशक, जेल द्वारा तत्काल उपचारात्मक कार्रवाई की मांग की गई ताकि 'जेल के बेईमान अधिकारी सीसीटीवी के काम न करने की जानकारी का लाभ न उठाएं।'

    कोर्ट ने आगे कहा, 'यहां तक ​​कि जब अंकित घायल हो गया और जीवित था, अगर उस समय उसे उचित चिकित्सा उपचार ‌दिया जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी और इस प्रकार न केवल इस बात की जांच की जाए कि मृतक अंकित को किसने बेरहमी से पीटा था कि उसकी मौत हो गई, बल्‍कि सही समय पर उचित इलाज उपलब्ध नहीं कराने में जेल के डॉक्टरों की भूमिका की भी उचित जांच की जरूरत है।"

    कोर्ट ने जेल महानिदेशक को एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें जेल में सीसीटीवी कैमरों के संबंध में सिस्टम को सुव्यवस्थित करने के लिए किए गए उपायों को बताया गया हो और जब वे काम नहीं कर रहे हैं तो इस बीच क्या वैकल्पिक उपाय किए जा सकते हैं।

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