तेलंगाना फायर वर्क्स डीलर्स एसोसिएशन ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
LiveLaw News Network
13 Nov 2020 3:30 PM IST
तेलंगाना राज्य में दिवाली के दौरान लोगों और संगठनों द्वारा पटाखोंं की बिक्री और उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगाने के तेलंगाना हाईकोर्ट केे निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
पटाखों के निर्माताओं और डीलरों के एसोसिएशन (द तेलंगाना फायर वर्क्स डीलर्स एसोसिएशन) द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय के आदेश से गंभीर रूप से प्रभावित हैं क्योंकि याचिकाकर्ता-संघ एक उचित और आवश्यक पार्टी होने के बावजूद उन्हें कार्यवाही में पार्टी बनाए बिना आदेश पारित किया गया। साथ ही कहा गया कि और संंगठन के सदस्यों की आजीविका पर इस आदेश से होने वाले प्रभाव पर विचार किए बिना यह आदेश पारित किया गया।
आगे प्रस्तुत किया गया है कि एसोसिएशन को स्वयं का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किए बिना आदेश पारित किया गया था, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन है।
यह दलील दी गई है कि दीपावली की पूर्व संध्या पर आदेश का समय याचिकाकर्ता-एसोसिएशन के सदस्यों के लिए भारी वित्तीय कठिनाई पैदा करने वाला है।
याचिका में कहा गया कि
"पटाखों का व्यवसाय एक मौसमी व्यवसाय है, जिसके लिए याचिकाकर्ता एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा भारी निवेश किया गया है और उसी की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है और इस तरह एसोसिएशन के सदस्यों के लिए भारी कठिनाइयों का कारण होगा। उक्त प्रतिबंध याचिकाकर्ताओं के सदस्यों के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
अर्जुन गोपाल और ऑर्म्स बनाम भारत संघ जैसे मामलों का हवाला दिया गया जिसमें उच्च न्यायालय ने पूर्व में नियंत्रित तरीके से हरे पटाखों के उपयोग और निर्माण से संबंधित मानदंडों को निर्धारित किया है। इसमेंं न्यायालय द्वारा यह भी देखा गया कि "पूर्ण प्रतिबंध न्याय के हित में काम नहीं करेगा"।
इसके अलावा, ऐसे सवाल उठाना जैसे कि प्राकृतिक न्याय के मूल अधिकारों और सिद्धांतों के उल्लंघन के साथ-साथ याचिकाकर्ता-एसोसिएशन के सदस्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना आदेश पारित किया गया था या नहीं, याचिका पर त्वरित प्रारंभिक सुनवाई की मांग की गई।
12 नवंबर को हैदराबाद में तेलंगाना राज्य के उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को राज्य में पटाखे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया और उन्हें प्रतिबंध का व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया। यह सूचित किए जाने के बावजूद कि राज्य द्वारा NGT दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा था, न्यायालय ने देखा कि पटाखों का उपयोग COVID-19 के फैलने का कारण हो सकता है।
याचिकाकर्ता-एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड सोमाद्रि गौड़ खतम, और एडवोकेट्स प्रणव दिवेश, मोहम्मद इब्राहिम और सीएच जयकृष्ण द्वारा किया जा रहा है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल में दिवाली, काली पूजा, दुर्गा पूजा समारोह के दौरान आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिए गए एक समान आदेश के साथ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि त्योहारों के उत्सव की तुलना में महामारी के दौरान जीवन का संरक्षण अधिक महत्वपूर्ण है।
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