टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को वैक्सीनेशन के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है: कर्नाटक हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

3 Aug 2021 5:40 AM GMT

  • टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को वैक्सीनेशन के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है: कर्नाटक हाईकोर्ट

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को सुझाव दिया कि वह स्कूलों के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को COVID-19 वैक्सीनेशन के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटेगरी में शामिल करया जा सकती है।

    न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति पी कृष्णा भट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक वैक्सीनेशन के पात्र सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ के जिलेवार ब्योरे को रिकॉर्ड में रखे।

    पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने पर निर्णय लेने से पहले वैक्सीनेशन पहला कदम होगा।

    हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि वह राज्य सरकार को एक निश्चित तिथि पर स्कूल खोलने का निर्देश नहीं दे सकती है। यह राज्य सरकार द्वारा विशेषज्ञों की राय और राज्य में COVID-19 मामलों की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया जाना होगा।

    पीठ ने राधा एम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा,

    "जब COVID-19 से संबंधित मामले कम हो रहे हैं, उन्होंने (राज्य) एसएसएलसी का संचालन किया, लेकिन अब राज्य के कुछ जिलों में संक्रमण फिर से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है तो राज्य सरकार को तदनुसार निर्णय लेना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि स्कूल खोले जाएं और बच्चों में संक्रमण फैल जाए।"

    इससे पहले, सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है। उस समिति द्वारा की गई सिफारिशों को 15/07/2021 को राज्य सरकार के समक्ष रखा गया है। तदनुसार, स्कूलों को फिर से खोलने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयना कोठारी ने कहा कि टीचिंग स्टाफ के अलावा नॉन टीचिंग स्टाफ को भी वैक्सीन लगाया जाना चाहिए। बच्चों की फिजिकल उपस्थिति होने से पहले ही स्कूलों के परिसर की ज्यादा से ज्यादा सफाई, टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ के लिए नए मानक संचालन प्रोटोकॉल और बच्चों के उपस्थित होने के लिए आवश्यक सभी सुरक्षा उपायों के माध्यम से स्कूलों को फिजिकल रूप से अच्छी तरह से तैयार किया जाना चाहिए।इसलिए, यह अनुरोध किया गया है कि राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि कम से कम फिजिकल रूप से स्कूलों में भाग लेने वाले बच्चों के स्तर से पहले की तैयारी के संबंध में कदम उठाए जाएं।

    मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।

    केस शीर्षक: राधा एम बनाम कर्नाटक राज्य

    केस नंबर: डब्ल्यूपी 2366/2021

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