तेजिंदर बग्गा गिरफ्तारी मामला: पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर और बाद की कार्यवाही को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी
Avanish Pathak
24 May 2022 11:19 AM IST
भाजपा नेता तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी के मामले में पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की है।
याचिका पर मंगलवार को जस्टिस अनु मल्होत्रा की पीठ सुनवाई करेगी।
उल्लेखनीय है कि बग्गा को इस महीने की शुरुआत में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था, हालांकि हरियाणा पुलिस के हस्तक्षेप और दिल्ली कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को अपनी हिरासत में लेकर शाम को दिल्ली वापस लौट आई थी।
पंजाब पुलिस ने अपनी याचिका में जनकपुरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। याचिका में 6 मई, 2022 को दिल्ली की स्थानीय अदालत द्वारा पारित आदेशों को भी चुनौती दी गई है, जिसके तहत बग्गा को पेश करने के लिए तलाशी वारंट जारी किया गया था और उसे हिरासत से रिहा कर दिया गया था।
याचिका में कहा गया है कि पंजाब पुलिस ने बग्गा की गिरफ्तारी की थी, जिस पर आईपीसी की धारा 153 (ए), 505, 505 (2), 506 के तहत दर्ज एफआईआर में विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य, अशांति और दुर्भावना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था।
पंजाब के अनुसार, बग्गा को जांच में शामिल होने के लिए पांच बार नोटिस दिए गए थे, हालांकि उन्होंने इसका उल्लंघन किया और भड़काऊ बयान जारी किया।
याचिका में कहा गया है कि पंजाब पुलिस की दो टीमें बग्गा को गिरफ्तार करने के लिए छह मई को दिल्ली पहुंची थीं। एक टीम बग्गा के घर गई थी ओर उसे गिरफ्तार किया था।
दूसरी टीम, जो स्थानीय पुलिस को गिरफ्तारी के बारे में सूचित करने के लिए गई थी, उसे जनक पुरी पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। जनकपुरी थाने में पंजाब पुलिस के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया गया था।
याचिका में दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर को झूठी और मनगढ़ंत बताते हुए आरोप लगाया गया है कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने धारा 452, 365, 342, 392, 395ए और 34 आईपीसी के तहत एफआईआर "पंजाब पुलिस द्वारा बग्गा के खिलाफ की गई गिरफ्तारी और जांच को विफल करने के लिए" किया है।
याचिका में आगे बग्गा के पिता द्वारा 6.5.2022 के आदेश के तहत जारी करवाए गए तलाशी वारंट को रद्द किए जाने की मांग की गई है, जिसके आधार पर हरियाणा पुलिस की मदद से बग्गा की हिरासत प्राप्त की गई थी।
याचिका में दलील दी गई है कि दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से और बग्गा के पिता के साथ मिलीभगत से पूरी तरह से दुर्भावना के साथ एफआईआर दर्ज की थी।
बग्गा के खिलाफ मामला
बग्गा के खिलाफ एफआईआर एक अप्रैल को (आप नेता सनी अहलूवालिया के कहने पर) दर्ज की गई थी। उन पर 30 मार्च को गई उनकी एक टिप्पणी के संबंध में मामला दर्ज किया गया था, जब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा यूथ विंग की ओर से किए जा रहे एक प्रोटेस्ट में शामिल थे। उनके कई ट्वीट भी आरोपों का हिस्सा हैं।
पंजाब पुलिस ने छह मई की सुबह बग्गा को गिरफ्तार कर लिया, हालांकि, हरियाणा पुलिस के हस्तक्षेप और दिल्ली कोर्ट के आदेश के बल पर, दिल्ली पुलिस बग्गा को अपनी हिरासत में लेकर शाम को दिल्ली वापस लाने में सफल रही।
इसके बाद, सात मई को पंजाब सरकार बग्गा के खिलाफ वारंट जारी करने या गिरफ्तारी वारंट की मांग करते हुए स्थानीय अदालत के समक्ष एक आवेदन किया। बग्गा के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए अदालत ने पंजाब पुलिस की हिरासत से बग्गा की रिहाई को 'अवैध' करार दिया।
इसके तुरंत बाद, बग्गा ने हाईकोर्ट का रुख किया और मध्यरात्रि में एक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पंजाब राज्य को 10 मई तक उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया।
केस शीर्षक: पंजाब राज्य बनाम राज्य (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार)