"ताहिर हुसैन की ओर से उन पर लगाए यूएपीए आरोपों के ‌‌खिलाफ दायर याचिका शॉर्ट सर्किट और मुकदमे को रोकने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं": द‌िल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस की दलील

LiveLaw News Network

29 Sep 2021 6:59 AM GMT

  • ताहिर हुसैन की ओर से उन पर लगाए यूएपीए आरोपों के ‌‌खिलाफ दायर याचिका शॉर्ट सर्किट और मुकदमे को रोकने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं: द‌िल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस की दलील

    दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में दलील दी है कि आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की ओर से दिल्ली दंगों के बड़े षड्यंत्र के मामले में उन पर लगाए गए यूएपीए आरोपों के ‌‌खिलाफ दायर याचिका शॉर्ट सर्किट और मुकदमे को रोकने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है। हुसैन ने मामले में दी गई स्वीकृति को रद्द करने की भी मांग की थी।

    दिल्ली पुलिस की ओर से दायर उत्तर में कहा गया है कि स्वीकृति आदेश की वैधता का प्रश्न तथ्य ट्रायल का प्रश्न है, इसलिए, इसे ट्रायल में तय होने के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए, न कि इसे सीआरपीसी की धारा 482 के तहत या रिट क्षेत्राधिकार के प्रयोग क जर‌िए तय किया जाना चा‌हिए।

    पुलिस ने याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कहा है, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्वीकृति की अनुपस्थिति को दहलीज पर चुनौती दी जा सकती है लेकिन स्वीकृति की अमान्यता को ट्रायल के दरमियान ही उठाया जाना चाहिए।"

    राष्ट्रीय जांच कानून का हवाला देते हुए पुलिस ने कहा है कि हुसैन के पास एक्ट की धारा 21 के तहत वैकल्पिक उपाय है, जो अपील के बारे में बात करता है।

    जवाब में कहा गया है, "किसी विशेष न्यायालय के किसी निर्णय, दंडादेश या आदेश के विरुद्ध अपील, तथ्यों और कानून दोनों के आधार पर, हाईकोर्ट में की जा सकती है और प्रत्येक अपील की सुनवाई हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा की जाएगी।यहां यह उल्लेख करना उचित है कि ट्रायल कोर्ट ने 17.09.2020 को अपराध का संज्ञान लिया था। याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट द्वारा 17.09.2020 को पारित संज्ञान आदेश को चुनौती नहीं दी है।"

    एफआईआर 59/2020 में यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान की रोकथाम अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत गंभीर आरोप शामिल हैं।

    रिट याचिका में हुसैन के खिलाफ एफआईआर 59/2020 के तहत दायर चार्जशीट में यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18 लगाने को चुनौती दी गई है। याचिका में उपरोक्त धाराओं को रद्द करने और अभियोजन की स्वीकृति देने की मांग की गई है।

    याचिका में हुसैन के खिलाफ लगाए गए यूएपीए प्रावधानों के तहत अभियोजन की स्वीकृति के लिए समीक्षा समिति द्वारा दी गई स्वीकृति को रद्द करने की प्रार्थना की गई है।

    एफआईआर 59/2020 में चार्जशीट किए गए अन्य लोगों में जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, मीरान हैदर और शिफा-उर-रहमान, कार्यकर्ता खालिद सैफी, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान शामिल हैं।

    इसके बाद जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ मामले में पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था।

    शीर्षक: ताहिर हुसैन बनाम एनसीटी राज्य

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