तब्लीगी जमात का इज्तमा: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को मौलाना साद की माता को निजामुद्दीन मरकज में आवासीय परिसर की चाबियां सौंपने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

24 Aug 2021 8:11 AM GMT

  • तब्लीगी जमात का इज्तमा: दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को मौलाना साद की माता को निजामुद्दीन मरकज में आवासीय परिसर की चाबियां सौंपने का निर्देश दिया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद की मां द्वारा दायर एक याचिका से निपटने के लिए सोमवार को पुलिस को निजामुद्दीन मरकज में उनके परिवार के आवासीय परिसर की चाबियां सौंपने का निर्देश दिया।

    मरकज़ को तब्लीगी जमात के इज्तमा के मद्देनजर पिछले एक साल से पुलिस अधिकारियों द्वारा स्वच्छता और कीटाणुशोधन के उद्देश्य से बंद कर दिया था।

    न्यायमूर्ति योगेश खन्ना खालिदा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।

    इस याचिका में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनके आवास तक पहुंच से इनकार किया गया था। इस आवास की चाबी पिछले साल अप्रैल से पुलिस अधिकारियों के पास है।

    पुलिस को दो दिनों के भीतर चाबियां सौंपने का निर्देश देते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि आवासीय परिसर के रहने वाले उक्त संपत्ति के किसी भी गैर आवासीय हिस्से में प्रवेश नहीं करेंगे।

    अदालत ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि उक्त परिसर को सील करने या जब्त करने के संबंध में कोई आदेश नहीं है और यह पिछले साल अप्रैल से बंद है।

    कोर्ट ने इस मामले में नोटिस भी जारी कर दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और एसडीएम, डिफेंस कॉलोनी, नई दिल्ली से जवाब मांगा है।

    अधिवक्ता फ़ुजैल अहमद अय्यूबी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि अधिकारियों द्वारा उन्हें अपने स्वयं के आवास में प्रवेश करने से रोकने के कारणों के बारे में अवगत नहीं कराया गया। इसके परिणामस्वरूप पूरे परिवार को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

    याचिका में कहा गया,

    "निचली अदालत इस तथ्य की सराहना करने में विफल रही कि याचिकाकर्ता का आवासीय घर केस संपत्ति नहीं है और न्यायालय द्वारा किए जाने वाले किसी भी स्थानीय निरीक्षण के प्रयोजनों के लिए आवश्यक नहीं है। यदि कोई अपराध मरकज़ परिसर में किया गया था, जो कि चार मंजिला आवासीय परिसर से अलग, जिसमें याचिकाकर्ता डी-सीलिंग चाहता है।"

    इसे देखते हुए याचिका में आक्षेपित आदेश को निरस्त करने की भी मांग की गई।

    शीर्षक: खालिदा बनाम राज्य (जीएनसीटीडी) और अन्य।

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