सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को तीन महीने तक सीमित करने वाले हाईकोर्ट का आदेश खारिज किया
Sharafat
12 Sep 2023 5:47 AM GMT
![सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को तीन महीने तक सीमित करने वाले हाईकोर्ट का आदेश खारिज किया सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को तीन महीने तक सीमित करने वाले हाईकोर्ट का आदेश खारिज किया](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2023/07/04/750x450_479476-750x450457703-supreme-court-of-india.webp)
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उड़ीसा हाईकोर्ट द्वारा पारित एक आदेश को अस्वीकार कर दिया, जिसने जमानत को एक विशेष अवधि तक सीमित कर दिया था।
कोर्ट ने रंजीत दिग्गल बनाम ओडिशा राज्य मामले में कहा,
"एक बार जब हाईकोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंच गया कि आरोपी जमानत का हकदार है तो जमानत को तीन महीने की अवधि तक सीमित करने का कोई कारण नहीं है।"
उड़ीसा हाईकोर्ट ने इस मामले में 14 अक्टूबर, 2022 को अपीलकर्ता को अंतरिम जमानत दी थी। 6 अप्रैल, 2023 के आदेश से हाईकोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अपीलकर्ता जमानत पर रिहा होने का हकदार है। हालांकि, हाईकोर्ट ने केवल तीन महीने की अवधि के लिए जमानत दी। जमानत की समय सीमा से परेशान अपीलकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने अपील स्वीकार कर ली और हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। पीठ ने आदेश दिया कि अंतरिम जमानत देने का आदेश ट्रायल कोर्ट के समक्ष मामले के निपटारे तक जारी रहेगा।
केस: रंजीत दिग्गल बनाम ओडिशा राज्य।