एक कंज्यूमर कोर्ट ने हैदराबाद के 'मोर मेगास्टोर' को भुगतान करने के समय उपभोक्ता पर कैरी बैग (कंपनी के लोगो वाले) का अतिरिक्त चार्ज लगाने के अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस (व्यापार को अनैतिक तरीका) को बंद करने के लिए कहा है।
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, हैदराबाद ने माना है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 2 (1) (आर) के तहत अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के लिए उपभोक्ता को एक विज्ञापन एजेंट के रूप में इस्तेमाल नहीं किया सकता है।
आयोग के अध्यक्ष वकांती नरसिम्हा राव, पीवीटीआर जवाहर बाबू (सदस्य) और आरएस राजश्री (सदस्य) की एक बेंच ने कहा,
"प्रतिवादी अपनी कंपनी के लोगो वाले प्लास्टिक बैग बेच रहे हैं, जिसके कारण वे अपने विज्ञापन के उपकरण के रूप में शिकायतकर्ताओं का उपयोग कर रहे हैं जो सेवाओं की भ्रामक प्रकृति के अलावा निष्पक्ष व्यापार व्यवहार को अपनाने की बजाय उनको भ्रामक चीज़ों की ओर ले जाता है। ऐसी हरकतों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।"
आयोग कानून के एक छात्र बागलेकर आकाश कुमार द्वारा दायर एक शिकायत पर विचार कर रहा था।
आयोग ने बिग बाजार (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) बनाम साहिल डावर मामले में एनसीडीआरसी के एक हालिया फैसले पर भरोसा किया, जिससे बिग बाजार को कैरी बैग कंपनी के लोगो की अतिरिक्त शुल्क लगाने से रोक दिया गया था।
आयोग ने माना है कि भुगतान काउंटर पर कैरी बैग की कीमत का खुलासा करना भी निष्पक्ष ट्रेड प्रैक्टिस के बराबर है।
बेंच ने कहा,
"उपभोक्ता अधिकारों के एक मामले के रूप में उपभोक्ता को यह जानने का अधिकार है कि कैरी बैग के लिए अतिरिक्त लागत होगी और कैरी बैग के मूक विनिर्देशों (साइलेंट डायरेक्शन) और कीमत को जानने के लिए, इससे पहले कि वह किसी विशेष रिटेल आउटलेट के संरक्षण के लिए अपनी पसंद से निर्णय ले। इससे पहले कि वह उक्त रिटेल आउटलेट से खरीदारी के लिए अपने सामान का चयन करे। "
एनसीडीआरसी ने कहा कि प्राइमरी नोटिस के बिना भुगतान काउंटर पर कैरी बैग के लिए अतिरिक्त लागत चार्ज करना एक अनुचित व्यापार अभ्यास है।
वर्तमान मामले में एडवोकेट के. चैतन्य मोर मेगास्टार के लिए पेश हुए, उन्होंने तर्क दिया कि कैरी बैग लिए 3 रूपये का शुल्क लेना किसी भी कानून के तहत निषिद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने कभी भी ग्राहकों को कैरी बैग खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया और कैरी बैग खरीदाना ग्राहकों का अपना फैसला होता है।
हालाँकि, आयोग ने शिकायतकर्ता का विवरण निम्नानुसार दर्ज किया:
"केंद्र और राज्य सरकारों दोनों के मौजूदा आदेशों के अनुसार, रिटेलर अपनी कंपनी के लोगो का उपयोग किए बिना प्लास्टिक कैरी बैग के लिए शुल्क ले सकता है (मतलब वे सादा कैरी बैग बेचेंगे)। कैरी बैग के साथ अगर किसी भी कंपनी के लोगो को बेचा जाता है जिसकी मुफ्त में आपूर्ति की जानी चाहिए।"
आयोग ने अब कंपनी को सभी ग्राहकों को मुफ्त कैरी बैग उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है यदि वे कैरी बैग पर अपनी कंपनी का लोगो मुद्रित करते हैं।
हालाँकि, उपभोक्ता की पूर्व सूचना और सहमति से और व्यवसाय परिसर में सुस्पष्ट स्थानों पर सूचना प्रदर्शित करके सादे कैरी बैग के लिए चार्ज किया जा सकता है।
आयोग ने कंपनी को निर्देश दिया कि वह कंपनी के लोगो वाले कैरी बैग का शुल्क लेने के मुआवजे के तौर पर शिकायतकर्ता को 15, 000 / - रूपये का भुगतान करे।
ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें