"घटना के बाद पुरुष और महिला के बीच विवाह हो जाने पर बलात्कार का अपराध समाप्त नहीं होता": दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार की एफआईआर रद्द करने से इनकार किया
LiveLaw News Network
2 Aug 2021 2:00 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पुरुष के खिलाफ बलात्कार के आरोपों से संबंधित एक एफआईर को यह कहते हुए रद्द करने से इनकार कर दिया कि पुरुष और महिला के बीच घटना के बाद विवाह होने पर बलात्कार का अपराध समाप्त नहीं हो जाता है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने आईपीसी की धारा 376 और 506 धारा के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।
पीठ ने कहा,
"याचिकाकर्ता और प्रतिवादी नंबर दो के बीच विवाह होने के बाद उस अपराध माफ नहीं हो सकता है, जैसा कि शिकायतकर्ता ने पहले किया है। यह आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय अपराध एक गंभीर अपराध है। विचाराधीन एफआईआर को दोनों पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है।"
याचिकाकर्ता का यह मामला था कि महिला ने इस भ्रम में एफआईआर दर्ज कराई थी कि उसने एक होटल के एक कमरे में ले जाकर उसके साथ जबरन यौन उत्पीड़न किया।
आदमी के खिलाफ यह आरोप था कि उसके इनकार करने और उसे यह कहने के बावजूद कि वह शादी के बाद ही शारीरिक संबंध बनाएगी, याचिकाकर्ता ने उसके साथ बलात्कार किया।
याचिकाकर्ता द्वारा एफआईआर रद्द करने के लिए यह तर्क दिया था कि वे दोनों शादी के बाद से साथ रह रहे हैं।
कोर्ट ने कहा,
"इस प्रकार इस न्यायालय को विचाराधीन एफआईआर को रद्द करने का कोई आधार नहीं मिलता है। याचिका खारिज की जाती है।"
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार शर्मा पेश हुए, जबकि राज्य के लिए एएससी अवि सिंह पेश हुए।
शीर्षक: गौरव बनाम राज्य (दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और अन्य
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