छात्रों को 25 अक्टूबर तक स्कूल की पूरी फीस देनी होगी; भुगतान न करने पर स्कूल प्राधिकरण छात्रों को परीक्षा देने से रोक नहीं सकते या निष्काषन नहीं कर सकते : कलकत्ता हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
2 Oct 2021 5:44 PM IST
कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्कूल प्राधिकरणों को किसी भी छात्र को स्कूल फीस न जमा कर पाने के कारण बोर्ड या वार्षिक या मध्यावधि परीक्षा में शामिल होने से मना करने या छात्रों का निष्कासन करने से रोक दिया। हालांकि, कोर्ट ने अभिभावकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बकाया फीस का भुगतान 25 अक्टूबर तक सकारात्मक रूप से किया जाए।
जस्टिस आईपी मुखर्जी और जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य की खंडपीठ पीड़ित माता-पिता द्वारा दायर जनहित याचिका पर फैसला सुना रही थी, जिसमें महामारी के कारण सत्र 2021-2022 के लिए स्कूल की फीस में आंशिक छूट की मांग की गई थी। 13 अक्टूबर, 2020 के आदेश में बेंच ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें स्कूल के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे किसी भी छात्र को निष्कासित न करें और कुछ शर्तों को पूरा करने पर ऑनलाइन कक्षाओं का उपयोग करने दें।
कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया,
"फिलहाल स्कूल प्रशासन किसी भी छात्र को किसी बोर्ड या स्कूल की वार्षिक या मध्यावधि मूल्यांकन परीक्षा में बैठने से नहीं रोकेगा। फिलहाल, सभी निष्कासन आदेशों को स्थगित रखा जाएगा ।"
इसके अलावा, कोर्ट ने स्कूल अधिकारियों द्वारा दायर किए गए हलफनामों को भी रिकॉर्ड में लिया, जिसमें कहा गया था कि छात्रों से बहुत बड़ी राशि, जो कई करोड़ में चल रही है, बकाया है।
स्कूल के अधिकारियों ने अदालत के समक्ष यह भी प्रस्तुत किया कि यदि बकाया भुगतान नहीं किया जाता है तो स्कूलों को संचालित करना असंभव हो जाएगा, क्योंकि आगामी त्योहारों पर कर्मचारियों को बोनस के भुगतान की आवश्यकता होगी।
यह आरोप भी लगाया गया था कि स्कूल अधिकारियों द्वारा उठाए गए बिल 13 अक्टूबर, 2020 को कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुसार नहीं हैं । इस संबंध में, कई अवमानना आवेदन भी दायर किए गए थे।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि ऐसे सभी आवेदनों को 3 दिसंबर, 2021 को दोपहर 2 बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए । हालांकि आदेश दिया गया कि इस बीच स्कूली बच्चों को विवादित राशि समेत पूरी स्कूल फीस 25 अक्टूबर तक देनी होगी।
स्कूल अधिकारियों को आदेश के अनुसार प्राप्त भुगतानों को दर्शाते हुए एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया। उन्हें चूककर्ताओं की सूची और उनमें से प्रत्येक से कुल बकाया राशि तैयार करने का भी आदेश दिया गया था।
केस शीर्षक: राजीव चक्रवर्ती और अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य।