''बिना किसी गलती के छात्र परेशान नहीं होने चाहिए'' : बाॅम्बे हाईकोर्ट का एनटीए को निर्देश, बाढ़/परिवहन/ संचार की परेशानी के कारण JEE में उपस्थित न हो पाने वाले छात्रों के आवेदन पर विचार करें

LiveLaw News Network

1 Sept 2020 3:11 PM IST

  • बिना किसी गलती के छात्र परेशान नहीं होने चाहिए : बाॅम्बे हाईकोर्ट का एनटीए को निर्देश, बाढ़/परिवहन/ संचार की परेशानी के कारण JEE में उपस्थित न हो पाने वाले छात्रों के आवेदन पर विचार करें

    मंगलवार से शुरू हुए JEE Main Exam से पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार सुबह विदर्भ क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए उक्त परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालाँकि, न्यायालय ने कहा है कि यदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का कोई भी छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है, तो वह श्रम्म् डंपद म्गंउपदंजपवद के सर्वोच्च निकाय के समक्ष अपना अभ्यावेदन या ज्ञापन प्रस्तुत कर सकता है। जिस पर उक्त निकाय को 15 दिनों के भीतर फैसला करना होगा।

    नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति आरके देशपांडे और न्यायमूर्ति पीवी गणेदीवाला की खंडपीठ ने सोमवार को भंडारा के निवासी नीतेश बावनकर द्वारा लिखे गए एक पत्र का संज्ञान लिया था,जो बाढ़ से काफी प्रभावित है। पत्र में, बावनकर ने नागपुर, भंडारा, अमरावती, अकोला, चंद्रपुर, गोंदिया और गढ़चिरौली जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के सामने आ रही समस्याओं पर प्रकाश डाला था।

    कोर्ट ने कहा कि भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरौली में बाढ़ की स्थिति गंभीर है और यह भी देखा गया है कि छात्रों के लिए श्रम्म् डंपद मगंउपदंजपवद में उपस्थित होने के लिए अपने केंद्रों तक पहुंचना संभव न हो,जबकि इस परीक्षा के लिए तैयारी एक साल तक चलती है। इस प्रकार, न्यायालय ने उपरोक्त जिलों के कलेक्टर और नगर प्राधिकरणों के साथ-साथ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए JEE Main Exam स्थगित करने के सवाल पर विचार करने के लिए बुलाया क्योंकि यह छात्र अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में असमर्थ थे।

    जिला कलेक्टर, नागपुर ने पीठ को सूचित किया कि नागपुर जिले में 1,284 छात्र हैं, जिन्हें 6 केन्द्रों में JEE Main Exam में शामिल होना है। हालाँकि, नागपुर जिले में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है और परीक्षा आयोजित की जा सकती है और छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं। जबकि जिला कलेक्टर, अकोला ने स्पष्ट रूप से न्यायालय को बताया कि आज के दिन बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है और इसलिए, JEE Main Exam आयोजित करने में कोई बाधा नहीं है।

    दूसरी ओर जिला कलेक्टर, चंद्रपुर ने बताया कि ब्रम्हपुरी तहसील में, कुल 21 गाँव बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं। जिसमें से 8 गाँव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं और राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया , राज्य आपदा अनुक्रिया बल, और अन्य बाढ़ बचाव संबंधित अधिकारी बाढ़ प्रभावित गाँवों में बचाव अभियान चला रहे हैं। जहां पर जरूरत है, वहां पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

    यह भी बताया गया कि बचाव दल और राजस्व प्रशासन सहित अन्य स्थानीय अधिकारियों ने यह पता लगाने के लिए स्थानीय स्तर पर पूछताछ भी की है कि क्या कोई छात्र JEE Main Exam में उपस्थित होने वाला है? हालाँकि, अधिकारियों को इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

    इसके अलावा, अदालत को बताया गया है कि जिला मुख्यालय चंद्रपुर में 4 परीक्षा केंद्र हैं और ये क्षेत्र बाढ़ प्रभावित नहीं हैं। इसलिए इन केंद्रों तक सभी तहसीलों और पड़ोसी जिलों से भी सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। जिला कलेक्टर, अमरावती ने अदालत के संज्ञान में लाया कि अमरावती जिले में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है और JEE Main Exam का आयोजन सिटी को-ऑर्डिनेटर, स्कूल ऑफ स्कॉलर्स, अमरावती द्वारा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के सर्कुलर के अनुसार करवाया जाएगा।

    अंत में, जिला कलेक्टर, भंडारा ने पीठ को सूचित किया कि बाढ़ की स्थिति के कारण कुल 47 गाँव मुख्य सड़क से कट गए हैं, जो कि गंभीर है। इसी तरह, जिला कलेक्टर, गोंदिया ने अदालत को बताया कि दो तहसीलों गोंदिया व तिरोरा में बाढ़ की स्थिति थी। वहीं 28 और 29 अगस्त, 2020 को मध्य प्रदेश के संजय सरोवर बांध से पानी छोड़े जाने से यह स्थिति और खराब हो गई थी।

    हालांकि, भंडारा के साथ-साथ गोंदिया के कलेक्टरों ने बताया कि JEE Main Exam के लिए कोई भी केंद्र भंडारा या गोंदिया में नहीं बनाया गया हैं और परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवार नागपुर तक सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं और परीक्षा में उपस्थित होने के लिए उनको कोई समस्या नहीं आएगी।

    अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल उल्हास औरंगाबादकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के लिए पेश हुए और निर्देश लेने के बाद प्रस्तुत किया कि JEE Main Exam के शीर्ष निकाय को को-ऑर्डिनेटर या जिला स्तर पर परीक्षा आयोजित करवाने वाली एजेंसी के माध्यम से अगर किसी छात्र का प्रतिनिधित्व(यदि कोई छात्र बाढ़ की स्थिति या परिवहन और संचार की समस्या के कारण JEE Main Exam में शामिल होने की स्थिति में नहीं है तो) प्राप्त होगा तो उस पर विचार किया जाएगा।

    औरंगाबादकर ने अदालत को आवश्वासन दिया कि यदि ऐसा प्रतिनिधित्व प्राप्त होता है तो जिला कलेक्टर और परीक्षा के केंद्र समन्वयक से उचित पूछताछ करने के बाद उस प्रतिनिधित्व पर उचित रूप से विचार किया जाएगा ताकि छात्रों को बिना किसी गलती के कोई परेशानी न उठानी पड़े।

    अंत में बेंच ने कहा कि-

    ''हम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से दिए गए इस आश्वासन की सराहना करते हैं। संबंधित जिलों के कलेक्टर और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा लिए गए पूर्वोक्त स्टैंड को देखते हुए, हमें इस मामले को आगे बढ़ने का कोई कारण नहीं मिला है।

    हालांकि, अगर बाढ़ की स्थिति के कारण कोई भी छात्र केंद्र पर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है, तो JEE Main Exam के शीर्ष निकाय के पास स्थानीय एजेंसी के माध्यम से एक प्रतिनिधित्व भेज सकता है। जिस पर जिला कलेक्टर और केंद्र समन्वयक से पूछताछ करने के बाद उचित तरीके से विचार किया जाए। हालाँकि, हम निर्देश देते हैं कि यदि ऐसा कोई प्रतिनिधित्व प्राप्त होता है, तो इसे तुरंत संबंधित एजेंसी /केंद्र के समन्वयक द्वारा श्रम्म्.डंपद म्गंउपदंजपवद के सर्वोच्च निकाय के पास भेज दिया जाए। जिस पर पंद्रह दिनों की अवधि के भीतर निर्णय ले लिया जाना चाहिए।''

    आदेश की काॅपी डाउनलोड करें।



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