बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण पर रोक| पटना हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई जल्दी करने की राज्य सरकार की याचिका खारिज की

Avanish Pathak

9 May 2023 9:09 AM GMT

  • बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण पर रोक| पटना हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई जल्दी करने की राज्य सरकार की याचिका खारिज की

    पटना हाईकोर्ट ने राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण के खिलाफ दायर रिट याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने की बिहार सरकार की अर्जी आज खारिज कर दी।

    गौरतलब है कि 4 मई को उक्त दलीलों पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जाति आधारित सर्वेक्षण पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले को 3 जुलाई को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया था।

    इस मामले में शीघ्र सुनवाई की मांग करते हुए, बिहार सरकार ने पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के समक्ष एक अंतरिम आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि हालांकि हाईकोर्ट का 4 मई का आदेश प्रकृति में अंतरिम है, फिर भी इसने विचाराधीन मुद्दों पर अंततः फैसला सुना दिया है। अतः प्रकरण का निस्तारण किया जाए क्योंकि प्रकरण को लंबित रखने से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होगा।

    बिहार सरकार की ओर से दायर अर्जी में कहा गया है,

    "यद्यपि 4 मई का आदेश अंतरिम आदेश प्रतीत होता है, हालांकि इसने विचाराधीन मुद्दों पर फैसला अंतिम रूप से सुना दिया है..व्यावहारिक रूप से, अब अधिनिर्णय के लिए कोई भी मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए न्याय के हित में यह होगा कि रिट याचिकाओं का निपटारा किया जाए क्योंकि उन्हें लंबित रखने से कोई भी सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा।"

    हालांकि, आज प्रधान न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है और याचिकाओं पर केवल 3 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।

    गौरतलब है कि 4 मई को राज्य में जाति आधारित जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पटना कोर्ट ने अंतरिम आदेश में जाति आधारित सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी।

    कोर्ट ने प्रथम दृष्टया कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण एक जनगणना के समान है जिसे करने की शक्ति राज्य सरकार के पास नहीं है।

    कोर्ट ने कहा कि मामले में उठा एक मुद्दा निजता का अधिकार भी है,

    "हम अधिसूचना से यह भी देखते हैं कि सरकार राज्य विधानसभा के विभिन्न दलों, सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल के नेताओं के साथ डेटा साझा करने का इरादा रखती है, जो कि बड़ी चिंता का विषय है।"

    कोर्ट ने आदेश दिया, "ऐसी परिस्थितियों में, हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वह जाति आधारित सर्वेक्षण को तुरंत बंद करे और यह सुनिश्चित करे कि पहले से ही एकत्र किए गए डेटा को सुरक्षित रखा जाए और रिट याचिका में अंतिम आदेश पारित होने तक किसी के साथ साझा न किया जाए।"

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