लखीमपुर खीरी की घटना में अभी कई चश्मदीदों के बयान दर्ज किए जाने हैं: यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बताया

LiveLaw News Network

11 Dec 2021 10:06 AM GMT

  • लखीमपुर खीरी की घटना में अभी कई चश्मदीदों के बयान दर्ज किए जाने हैं: यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बताया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बताया कि लखीमपुर खीरी घटना में अभी कई चश्मदीदों के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं, इसलिए उसने जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का और समय मांगा है। मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा हैं।

    न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले को 6 जनवरी, 2021 को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।

    29 नवंबर को कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद यूपी सरकार को जमानत अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने और सभी गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 10 दिन का समय दिया था।

    उस दिन मिश्रा के वकीलों ने दलील दी थी कि जांच में मिश्रा की भूमिका सामने नहीं आई है।

    गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) की एक अदालत ने लखीमपुर खीरी हिंसा घटना के संबंध में पिछले महीने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी के बेटे आशीष मिश्रा, उसके साथी आशीष पांडेय और लवकुश राणा के खिलाफ दर्ज मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

    अभियोजन पक्ष द्वारा केस डायरी, 60 चश्मदीदों के बयान और चार आग्नेयास्त्रों की बैलिस्टिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद अपराध में उनकी संलिप्तता स्थापित करने के बाद सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा ने उनकी जमानत याचिका को ठुकरा दिया था।

    इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिला न्यायालय में सरकारी वकील अरविंद त्रिपाठी ने कहा कि तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि मामला गंभीर प्रकृति का है और फिलहाल जांच जारी है।

    नौ अक्टूबर को मिश्रा यूपी पुलिस द्वारा जारी एक नोटिस के तहत लखीमपुर खीरी में अपराध शाखा कार्यालय के सामने पेश हुआ था। इसके बाद रविवार (10 अक्टूबर) उसको करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लखीमपुर जेल भेज दिया गया।

    मामले की पृष्ठभूमि

    तीन अक्टूबर को कई किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। तभी एक एसयूवी द्वारा टक्कर मारने और कुचले जाने के बाद चार प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो गई।

    कथित तौर पर, एसयूवी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्रा के काफिले का हिस्सा थी।

    पुलिस ने आशीष मिश्रा (मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे) और कई अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हिंसा के संबंध में एफआईआर दर्ज की है।

    इस घटना का एक कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में प्रदर्शनकारियों के एक समूह को खेतों के बगल में एक सड़क पर आगे बढ़ते देखा जा सकता है। इन प्रदर्शनकारियों को अचानक पीछे से एक ग्रे कलर की एसयूवी टक्कर मारकर कुचलते हुए आगे बढ़ जाती है।

    केस का शीर्षक - आशीष मिश्रा @ मोनू बनाम यू.पी. राज्य

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