एसएससी भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

Shahadat

14 May 2022 9:11 AM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट

    कलकत्ता हाईकोर्ट 

    कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित समिति ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की कथित सिफारिश पर पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में ग्रुप-सी पदों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं पर शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी।

    एक डिवीजन बेंच ने पहले भर्ती घोटाले की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया था। समिति के अन्य सदस्यों में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के सदस्य आशुतोष घोष, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की उप सचिव (प्रशासन) परोमिता रॉय और हाईकोर्ट के वकील अरुणव बनर्जी शामिल हैं।

    जस्टिस आनंद कुमार मुखर्जी और जस्टिस सुब्रत तालुकदार की खंडपीठ को न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने अवगत कराया कि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में ग्रुप-सी पदों के लिए 381 नियुक्तियां अवैध रूप से की गई थीं।

    इसके अलावा, समिति ने चार पूर्व-राज्य एसएससी अधिकारियों और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की सिफारिश की। इसने छह अन्य पूर्व वरिष्ठ एसएससी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की भी मांग की।

    समिति की सदस्य एडवोकेट अरुणाभा बंदोपाध्याय ने खंडपीठ के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की और कहा कि मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करके 381 उम्मीदवारों को नियुक्ति देने में भारी अनियमितताएं की गई हैं।

    रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 13,000 गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती की निगरानी के लिए पश्चिम बंगाल सरकार, शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव के आदेश से 2019 में गठित पांच सदस्यीय पैनल में कोई कानूनी वैधता नहीं है। पैनल के 5 सदस्य हैं- एसपी सिन्हा, पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग के सलाहकार- संयोजक, एस आचार्य, विभाग के प्रभारी मंत्री के निजी सचिव, पीके बंद्योपाध्याय, शिक्षा विभाग के एमआईसी के ओएसडी, ए.के. सरकार, उप निदेशक (जीए अनुभाग), स्कूल शिक्षा विभाग निदेशालय, टी. पांजा, विभाग के वरिष्ठ विधि अधिकारी।

    तदनुसार, न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने एसपी सिन्हा और कल्याणमय गांगुली के अलावा एसएससी के पूर्व अध्यक्ष सौमित्र सरकार, एसएससी के पूर्व सचिव अशोक साहा और एसएससी के कार्यक्रम अधिकारी एस आचार्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की।

    प्रस्तुतियों के अनुसार, डिवीजन बेंच ने कहा कि वह इस मामले में 18 मई को अपना फैसला सुनाएगी।

    कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया,

    "अरुणव बनर्जी, एडवोकेट और माननीय न्यायालय (आर.के. बाग समिति) द्वारा नियुक्त जांच समिति के सदस्य, आरएलएसटी-2016 के अनुसार स्कूल सेवा आयोग के तहत कथित अवैध नियुक्तियों की जांच के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। साथ ही इस न्यायालय के दिनांक 13 अप्रैल, 2022 के पिछले निर्देश के अनुसार ग्रुप-सी पदों में नियुक्तियों से जुड़ी समिति के अन्य उपस्थित सीनियर एडवोकेट और अन्य वकील भी अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। तदनुसार अगली सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए कोर्ट की पहली बैठक 18 मई, 2022 तक समाप्त होती है।"

    न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने पहले राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में ग्रुप-डी स्टाफ की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं पर अपनी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की थी। इसके अलावा, अदालत ने पहले जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर पांच सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी, जिसमें तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कथित भर्ती घोटाले से संबंधित पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश होना था।

    केस टाइटल: डॉ शांति प्रसाद सिन्हा बनाम लक्ष्मी तुंगा और अन्य जुड़े मामले

    ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



    Next Story