स्पेशल NIA कोर्ट ने गौतम नवलखा की दिल्ली में रहने की याचिका खारिज की
Shahadat
21 Jun 2025 10:10 AM IST

मुंबई के स्पेशल NIA कोर्ट ने गुरुवार (19 जून) को मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा द्वारा दायर आवेदन खारिज कर दिया, जिन्होंने भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले में मुकदमे की समाप्ति तक मुंबई छोड़ने और दिल्ली में स्थायी रूप से रहने की अदालत से अनुमति मांगी थी।
स्पेशल जज चकोर बाविस्कर ने कहा कि न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा करना एक बात है और न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर स्थायी रूप से रहना, दोनों अलग-अलग बातें हैं।
जज बाविस्कर ने कहा,
"मैं उल्लेख करता हूं कि अभियुक्त को न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा करने की अनुमति देना अलग बात है। न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर स्थायी रूप से रहने की अनुमति देना पूरी तरह से अलग बात है। चूंकि हाईकोर्ट ने आवेदक/अभियुक्त या इस न्यायालय को भी ऐसी स्वतंत्रता नहीं दी, इसलिए यह अनावश्यक आवेदन खारिज किए जाने योग्य है।"
वकील वहाब खान के माध्यम से दायर अपने आवेदन में नवलखा ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि वह दिल्ली के निवासी हैं और राष्ट्रीय राजधानी से आते हैं। वर्तमान में वह मुंबई में रह रहे हैं और चूंकि वह बेरोजगार हैं, इसलिए वह अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर 'आर्थिक रूप से निर्भर' हैं। उन्होंने तर्क दिया कि उनके लिए मुंबई में 'टिकाऊ' जीवन जीना बेहद मुश्किल हो गया।
पीठ ने कहा,
"उन्होंने आगे मुकदमे की तारीखों पर और इस अदालत द्वारा निर्देशित किए जाने पर उपस्थित रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने अपनी बड़ी बहन की खराब सेहत जैसे कुछ पारिवारिक मुद्दों का भी तर्क दिया।"
हालांकि, विशेष सरकारी वकील प्रकाश शेट्टी ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश की ओर इशारा किया, जिसके तहत नवलखा को जमानत दी गई थी। इसमें हाईकोर्ट ने कई शर्तों के साथ उन्हें स्पष्ट रूप से अदालत के अधिकार क्षेत्र के बिना मुंबई नहीं छोड़ने के लिए कहा था।
हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर, 2023 को नवलखा को जमानत दी थी और एक सामान्य शर्त के रूप में उन्हें हाईकोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जाने के लिए कहा था। हालांकि, उन्हें कुछ मौकों पर विदेश यात्रा करने की अनुमति दी गई।

