'अदालत द्वारा पारित आदेशों के प्रति कुछ सम्मान दिखाएं': केरल हाईकोर्ट ने केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण के चेयरमैन की नियुक्ति में देरी को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई

LiveLaw News Network

24 Aug 2021 10:04 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएटी) के चेयरमैन की तत्काल नियुक्ति के न्यायालय के आदेशों का पालन करने में केंद्र की विफलता की कड़ी निंदा की।

    न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि

    "अदालत द्वारा पारित आदेशों के प्रति कुछ सम्मान दिखाना चाहिए।"

    बेंच ने पूछा,

    "जब सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो एक सामान्य नागरिक न्यायालय का सम्मान कैसे करेगा?"

    कोर्ट ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा आईएएस और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव दीपक खांडेकर आईएएस को इस संबंध में अवमानना नोटिस जारी किया है।

    केंद्र की ओर से पेश हुए एएसजी राजकुमार ने अदालत को सूचित किया कि उनके बार-बार संचार के बावजूद उन्हें इस मामले में केंद्र से कोई निर्देश नहीं मिला है।

    एएसजी ने स्वीकार किया कि वह अदालत के सामने बचाव कर रहे हैं और दो सप्ताह का समय मांगा है कि तब तक मामला हल हो जाएगा।

    पृष्ठभूमि

    केरल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एर्नाकुलम एडवोकेट्स एसोसिएशन (KATEAA) द्वारा दायर अवमानना याचिका ने अदालत के ध्यान में लाया कि केएटी के अध्यक्ष का पद सितंबर 2020 से खाली पड़ा है। कोर्ट ने तब केंद्र को निर्देश जारी किया कि वह शीघ्रता से तीन सप्ताह की अवधि के भीतर अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए एक सिफारिश करे।

    कोर्ट ने 10 अगस्त को आदेश दिया कि अगर प्रतिवादी सुनवाई की अगली तारीख तक उसके आदेशों का पालन करने में विफल रहे, तो वह व्यक्तिगत रूप से पेश होगा।

    तदनुसार, चूंकि केंद्र अदालत के आदेश का जवाब देने में विफल रहा, इसलिए बेंच ने कहा कि वह आईएएस अधिकारियों, गौबा और खांडेकर दोनों की व्यक्तिगत उपस्थिति को लागू करने के लिए नोटिस जारी करेगी। इस आशय का आदेश कल पारित किया जाएगा।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि

    "इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश केवल संस्थागत आदेश नहीं हैं और कानून के अनुसार सम्मान और अनुपालन किया जाना चाहिए।"

    बेंच ने कहा कि यह आरोप तय करेगी और व्यक्तिगत उपस्थिति को लागू करेगी। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को मामले की अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की अनुमति दी जाएगी।

    केस का शीर्षक: केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण एर्नाकुलम एडवोकेट्स एसोसिएशन बनाम राजीव गौबा आईएएस एंड अन्य।

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