''फेस मास्क की बिक्री,उत्पादन के मानकों को निर्धारित करने के लिए विशेषज्ञ निकाय बनाए जाएं और सख्त अनुपालन का निर्देश दें'' : दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर

LiveLaw News Network

1 Jun 2021 7:45 AM GMT

  • फेस मास्क की बिक्री,उत्पादन के मानकों को निर्धारित करने के लिए विशेषज्ञ निकाय बनाए जाएं और सख्त अनुपालन का निर्देश दें : दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर

    दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि फेस मास्क और फेस कवर के उत्पादन और बिक्री के मानकों को निर्धारित करने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ निकाय स्थापित करें और इनका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए जाएं।

    स्वच्छ वायु कार्यकर्ता और उद्यमी जय धर गुप्ता ने यह याचिका अधिवक्ता अनिरुद्ध शर्मा के माध्यम से दायर की है। याचिका में कहा गया है कि इस समय चल रही कोरोना महामारी में, यह माना जा रहा है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपयुक्त मास्क एन 95 या डबल मास्क होगा।

    मामले को मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि अन्य देशों की तुलना में भारत में फेस मास्क के उत्पादनऔर बिक्री के लिए कोई निर्धारित मानक नहीं किया गया है। इस समय चल रही कोरोना महामारी और बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए ऐसा करना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

    फेस मास्क को ''सुरक्षा कवच'' करार देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के हालिया फैसले पर भरोसा करते हुए, याचिका में कहा गया है किः

    ''विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि फेस मास्क का उपयोग न केवल COVID19 संचरण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि नागरिकों को वायु प्रदूषण के प्रभावों से बचाने के लिए भी आवश्यक है। हालांकि, वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, जहां दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या तेजी से फैलने वाले COVID19 संक्रमण के जोखिम के साथ मिश्रित है, फेस मास्क के उपयोग ने पहले से कहीं अधिक महत्व प्राप्त कर लिया है।''

    आगे कहा गया है कि यह एक आम बात हो गई है कि दिल्ली और देश भर में हर दुकान और कई वेबसाइटों पर मास्क बेचे जा रहे हैं। याचिका में कहा गया है किः

    "यह एक चलन बन रहा है कि कपड़ों से मेल खाने वाले फैशनेबल मास्क विभिन्न दर्जी और डिजाइनरों द्वारा बनाए जा रहे हैं जो आमतौर पर सिंगल लेयर मास्क होते हैं और COVID19 संक्रमण के प्रसार से नगण्य सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, उक्त मास्क वायु प्रदूषण से सुरक्षा के लिए भी प्रभावी नहीं हैं। यह प्रस्तुत किया जाता है कि COVID19 संक्रमण के प्रसार के साथ वायु प्रदूषण की समस्या दिल्ली के नागरिकों के लिए खतरनाक है और इसलिए यह आवश्यक है कि मास्क के उत्पादन और बिक्री के मानकों को निर्धारित करने के लिए एक नियामक निकाय की स्थापना की जाए या दिल्ली में फेस मास्क के उत्पादन और बिक्री के लिए उपयुक्त विनियम बनाए जाएं।''

    सोमवार को सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार की ओर से यह प्रस्तुत किया गया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने पहले से ही फेस मास्क और फेस कवर आदि की बिक्री और उत्पादन के मानकों को विनियमित करने के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं। इसलिए अलग से किसी निर्देश की जरूरत नहीं है।

    पूर्वोक्त प्रस्तुतीकरण के मद्देनजर, याचिकाकर्ता के वकील ने उक्त विनियमों की जांच करने और सुनवाई की अगली तारीख पर आगे की दलीलों को संबोधित करने के लिए समय मांगा।

    अब इस मामले की सुनवाई 4 जून को होगी।

    याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता अनिरुद्ध शर्मा ने किया और सरकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी ने किया।

    जीएनसीटीडी का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता आदित्य पी. खन्ना और शशांक तिवारी के साथ स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने किया।

    केस का शीर्षकः जय धर गुप्ता बनाम जीएनसीटीडी

    आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



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