'ऐसा आदमी जिंदा रहा तो महिलाओं के लिए गंभीर संकट': यूपी कोर्ट ने 9 साल की बच्ची से रेप, हत्या के दोषी शख्स को मौत की सजा सुनाई
Avanish Pathak
24 March 2023 9:44 PM IST
गाजियाबाद की एक अदालत ने 9 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा,
"आरोपी का अपराध बेहद जघन्य प्रकृति का है और मानवता के लिए शर्मनाक है, अगर ऐसी आपराधिक मानसिकता वाला व्यक्ति समाज में जीवित रहता है, तो महिलाओं और मानवता के लिए गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।"
जज अमित कुमार प्रजापति की अध्यक्षता वाली विशेष पॉक्सो अदालत ने अभियुक्त को धारा 363, 376 एबी, 323, 302 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया। कोर्ट ने उसे यह कहते हुए मौत की सजा सुनाई कि अभियोजन पक्ष अपने मामले को एक सीमा से परे साबित करने में सक्षम था।
25 वर्षीय दोषी युवक (कपिल) के खिलाफ मामला यह था कि उसने 18 अगस्त 2022 की रात गाजियाबाद मोदीनगर में अपने गांव से दो लड़कियों (दोनों आपस में रिश्तेदार थीं) को आइसक्रीम खिलाने के बहाने अगवा कर लिया था।
एक लड़की (6 वर्ष की आयु) उसके चंगुल से भागने में सफल रही, जबकि 9 वर्षीय लड़की के साथ उसने गन्ने के खेत में बलात्कार किया और बाद में उसका गला घोंट कर मार डाला।
रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्यों के समग्र विश्लेषण पर, न्यायालय ने कहा कि इससे यह तथ्य स्थापित होता है कि मृतक के अपहरण के संबंध में चश्मदीदों के मौखिक बयानों की पुष्टि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज से होती है और वे उनके बयानों के अनुरूप हैं।
न्यायालय ने यह भी पाया कि अपहरण संबंधित सबूतों के संबंध में अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाह पूरी तरह से विश्वसनीय थे। इसके अलावा मृतक के शरीर पर चोट के निशान डॉक्टर के साक्ष्य, मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साबित हुए।
इसके साथ ही, अदालत ने कहा कि मृतका के साथ बलात्कार की भी पुष्टि हुई थी और आरोपी द्वारा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया था कि मृतका पर बलात्कार/छेड़छाड़ यौन हमला उसने नहीं किया बल्कि किसी और ने किया।
न्यायालय ने इस बात पर भी बल दिया कि चूंकि यह सिद्ध हो चुका है कि मृतका मृत्यु से ठीक पहले अभियुक्त के साथ मौजूद थी, अत: जो भी अपराध/घटना उसके खिलाफ घटित हुई थी, वह अभियुक्त द्वारा की गई सिद्ध होती है।