[सीनियर सिटीजन कपल] केरल हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवाद के ट्रांसफर की याचिका में पत्नी की सुविधा को प्राथमिकता दी
Brij Nandan
28 Jun 2023 11:02 AM IST
केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने हाल ही में कहा कि जब कोई पत्नी किसी वैवाहिक मामले को अपनी सुविधा की अदालत में ट्रांसफर करने की मांग करती है, तो अदालत को आमतौर पर इसकी अनुमति देनी चाहिए।
जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और जस्टिस पी जी अजितकुमार की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताते हुए ये आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वैवाहिक विवाद के ट्रांसफर के लिए याचिका में पत्नी की सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अदालत उस पत्नी द्वारा दायर अपील पर विचार कर रही थी जो अपने पति द्वारा तलाक की डिक्री के लिए फैमिली कोर्ट, एर्नाकुलम के समक्ष दायर याचिका को फैमिली कोर्ट, त्रिशूर में स्थानांतरित करना चाहती थी, जहां उसने दांपत्य अधिकार की बहाली की डिक्री के लिए याचिका दायर की थी। दोनों याचिकाएं हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के तहत दायर की गईं थीं।
पत्नी द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका को फैमिली कोर्ट ने यो कहते हुए खारिज कर दिया था कि पत्नी की उम्र 69 साल है और पति की उम्र 72 साल है। दोनों वृद्ध व्यक्ति हैं जो बुढ़ापे के मामले में एक ही पायदान पर खड़े हैं। कोई अन्य विशेष नहीं कारण इस अदालत के संज्ञान में लाया गया।"
इसके बाद पत्नी ने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की।
कोर्ट ने कहा कि अधिनियम की धारा 21ए की उपधारा (2)(बी) के आलोक में, बाद के समय में दायर तलाक के लिए याचिकाकर्ता के स्थानांतरण के अपीलकर्ता के अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।
अपील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा,
“जब पत्नी द्वारा अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर की मांग की जाती है, तो उस अनुरोध को आम तौर पर अदालत द्वारा अनुमति दी जाएगी। अपीलकर्ता पत्नी त्रिशूर में रहती है। उनकी उम्र 69 साल है। प्रतिवादी भी वृद्ध है और उसकी उम्र 72 वर्ष है। लेकिन तुलनात्मक कठिनाई पर विचार करते हुए और उपरोक्त निर्णयों में निर्धारित कानून के आलोक में, अपरिहार्य निष्कर्ष यह है कि 2019 का ओपीनंबर 2752 फैमिली कोर्ट, एर्नाकुलम से फैमिली कोर्ट, त्रिशूर में स्थानांतरित किया जा सकता है।"
अपीलकर्ता पत्नी के लिए वकील: सी वाई विनोद कुमार, सी अनिलकुमार (कल्लेसेरिल), पी एम मानश
प्रतिवादी पति के वकील: वकील बी रामचन्द्रन बी
केस टाइटल: राजम बाबू वी बाबू के.के