याचिका के लंबित रहने के दौरान मूल राशि का भुगतान किया जाता है तो आईबीसी की धारा 9 के तहत दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं: एनसीएलटी बेंगलुरु ने दोहराया

Shahadat

20 March 2023 7:21 AM GMT

  • याचिका के लंबित रहने के दौरान मूल राशि का भुगतान किया जाता है तो आईबीसी की धारा 9 के तहत दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं: एनसीएलटी बेंगलुरु ने दोहराया

    नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, बेंगलुरु की जस्टिस (सेवानिवृत्त) टी. कृष्णावल्ली (न्यायिक सदस्य) और मनोज कुमार दुबे (तकनीकी सदस्य) की बेंच ने दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (आईबीसी) की धारा 9 के तहत याचिका पर निर्णय लेते हु रमेश कुमार गर्ग बनाम मैसर्स बिल्डमेट प्राइवेट लिमिटेड में सुनाये गए फैसले को दोहराते हुए कहा कि यदि याचिका के लंबित रहने के दौरान मूल राशि चुका दी गई है और केवल ब्याज घटक का भुगतान नहीं किया गया है तो आईबीसी की धारा 9 के तहत दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं।

    पृष्ठभूमि तथ्य

    याचिकाकर्ता डी.आर गर्ग एंटरप्राइजेज (ऑपरेशनल क्रेडिटर) का मालिक है, जिसने मैसर्स बिल्डमेंट प्राइवेट लिमिटेड (कॉर्पोरेट देनदार) को खरीद आदेशों के खिलाफ टिम्बर, प्लाइवुड, फ्लश डोर और एच/डब्ल्यू सामान की आपूर्ति की। सामग्री की प्राप्ति के 60 दिनों के भीतर भुगतान किया जाना था और यदि भुगतान 100 दिनों से अधिक हो जाता है तो कॉर्पोरेट देनदार प्रति माह 1.5% की दर से ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी था। अंतिम चालान 08.01.2020 को जारी किया गया, जिसके बाद 05.04.2021 तक कॉर्पोरेट देनदार को पुनर्भुगतान के लिए बार-बार ईमेल और रिमाइंडर भेजे गए। 1.38 करोड़ की बकाया राशि के लिए 05.04.2021 को डिमांड नोटिस दिया गया, जिसका कॉर्पोरेट देनदार द्वारा जवाब नहीं दिया गया।

    कॉर्पोरेट देनदार द्वारा कोई जवाब दायर नहीं किया गया, लेकिन याचिका के लंबित रहने के दौरान, कॉरपोरेट देनदार द्वारा 24.01.2023 को किए गए 14 लाख के अंतिम भुगतान के साथ मूल राशि का भुगतान किया गया। इस प्रकार केवल 34 लाख मूल्य का ब्याज घटक अवैतनिक रहा।

    ट्रिब्यूनल की टिप्पणियां

    ट्रिब्यूनल ने पाया कि याचिका के लंबित रहने के दौरान मूल राशि का पूरी तरह से भुगतान कर दिया गया और चूंकि यह मुद्दा केवल बकाया ब्याज के बारे में है तो आईबीसी की धारा 9 के तहत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। ट्रिब्यूनल ने रोहित मोटावत बनाम मधु शर्मा 2022 का ऐप. (एटी) (आईएनएस) नंबर 1152 के एनसीएलएटी के फैसले पर भरोसा किया, जिसने फैसला सुनाया कि केवल ब्याज घटक के संबंध में आईबीसी की धारा 9 का आवेदन "लोन के समाधान' के लिए है और वसूली के लिए नहीं" के रूप में सुनवाई योग्य नहीं है।

    उपरोक्त टिप्पणियों के साथ ट्रिब्यूनल ने याचिका खारिज कर दी।

    केस टाइटल: रमेश कुमार गर्ग बनाम मैसर्स बिल्डमेट प्राइवेट लिमिटेड

    केस नंबर: सीपी (आईबी) नंबर 109/बीबी/2021

    याचिकाकर्ता के लिए वकील राहुल अग्रवाल और प्रतिवादी के वकील नमन झबख।

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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