हिंडनबर्ग मामले में गौतम अडानी और अडानी ग्रुप को SEBI से क्लीन चिट
Praveen Mishra
19 Sept 2025 12:42 AM IST

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अदाणी समूह और उसके चेयरमैन गौतम अदाणी को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों में क्लीन चिट दे दी है। याद रहे, जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर अदाणी समूह पर बड़े पैमाने पर हेरफेर और गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे ताकि शेयर कीमतों को बढ़ाया जा सके।
SEBI ने गौतम अदाणी और अदाणी समूह के खिलाफ जारी शो-कॉज नोटिस की आगे की कार्यवाही को बंद करते हुए कहा कि संबंधित लेन-देन को “हेरफेर वाले” (manipulative), “धोखाधड़ी वाले” (fraudulent) या “अनुचित व्यापार व्यवहार” (unfair trade practice) नहीं माना जा सकता। आदेश में कहा गया—
- पैसे की siphoning या फंड डायवर्जन का कोई आरोप नहीं है,
- जांच शुरू होने से पहले ही पैसा ब्याज सहित वापस आ गया था,
- लेन-देन को Related Party Transaction नहीं माना गया।
SEBI ने यह भी स्पष्ट किया कि LODR नियमों में 2021 का संशोधन, जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े पक्षों के साथ लेन-देन को भी शामिल किया गया था, एक मौलिक परिवर्तन था और इसे पहले के लेन-देन पर लागू नहीं किया जा सकता। इस आधार पर गौतम अदाणी, राजेश अदाणी, अदाणी पावर लिमिटेड, अदाणी पोर्ट्स एंड SEZ लिमिटेड, अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अन्य तीन संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई।
जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने भी अदाणी समूह के खिलाफ SIT या CBI जांच से इनकार कर दिया था और कहा था कि SEBI की जांच पर संदेह करने का कोई आधार नहीं है। अदालत ने कहा था कि समाचार रिपोर्टों या OCCRP की रिपोर्ट जैसी अस्थिर सामग्री पर भरोसा कर वैधानिक नियामक की जांच को कमजोर नहीं किया जा सकता। इस फैसले की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी गई थी।
मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने भी कहा था कि SEBI की तरफ से किसी तरह की नियामकीय विफलता (regulatory failure) सामने नहीं आई है।
इसी से जुड़ी खबर में, हाल ही में लोकपाल ने SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट आधारित तीन शिकायतों को खारिज कर दिया। लोकपाल ने कहा कि आरोप अटकलों पर आधारित हैं, साक्ष्यों का अभाव है और कोई दंडनीय अपराध सामने नहीं आता।

