चुनौतियों के बावजूद उम्मीदें: जेंडर अंतर के बावजूद कई महिला वकील अपने प्रोफेशन को लेकर पॉजिटिव- SCBA का सर्वे

Shahadat

4 Dec 2025 10:04 AM IST

  • चुनौतियों के बावजूद उम्मीदें: जेंडर अंतर के बावजूद कई महिला वकील अपने प्रोफेशन को लेकर पॉजिटिव- SCBA का सर्वे

    सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने दिल्ली-NCR में 301 महिला वकीलों के बीच एक सर्वे किया, जिसमें कानूनी प्रोफेशन में जेंडर के आधार पर काफी अंतर का पता चला है। स्टडी में बताया गया कि लगभग एक-तिहाई महिला वकीलों को जेंडर के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ा है, जबकि आधी से ज़्यादा को शादी और मां बनने की ज़िम्मेदारियों के कारण वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने में मुश्किल होती है।

    सर्वे के मुताबिक, 84.1% पहली पीढ़ी की वकील हैं। 57.8% का मानना ​​है कि महिलाओं को बार लीडरशिप तक बराबर पहुंच नहीं है। वर्क-लाइफ बैलेंस, सैलरी में बराबरी और सीमित मेंटरशिप सबसे ज़्यादा बताई जाने वाली चुनौतियां हैं।

    इन चुनौतियों के बावजूद, 58.9% जवाब देने वालों ने बार में लीडरशिप की भूमिका निभाने की इच्छा जताई, जो महिला वकीलों में इंस्टीट्यूशनल पॉलिसी और रिप्रेजेंटेशन को आकार देने की बढ़ती इच्छा को दिखाता है। जब उनसे इस प्रोफेशन में उनके अनुभव के बारे में पूछा गया तो 38.5% महिलाओं ने इसे “प्रोत्साहन देने वाला लेकिन कभी-कभी हतोत्साहित करने वाला” बताया, जबकि लगभग एक-चौथाई को लगा कि कानूनी प्रोफेशन धीरे-धीरे महिलाओं के लिए ज़्यादा स्वागत करने वाला होता जा रहा है।

    शादीशुदा ज़िंदगी, माँ बनना और मुश्किलें

    जबकि 60% से ज़्यादा महिलाओं ने कहा कि शादी के बाद उन्हें काम जारी रखने में कोई मुश्किल नहीं हुई, एक-तिहाई ने प्रेग्नेंसी के बाद मुश्किलों का सामना करने की बात कही। खास तौर पर 31% को प्रेग्नेंसी के दौरान अपने केस रेफर करवाने में मुश्किल हुई। एक तिहाई से ज़्यादा (34.2%) ने कहा कि उन्हें वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना मुश्किल लगता है।

    हालांकि, 95% से ज़्यादा महिला वकीलों का मानना ​​है कि मैटरनिटी लीव, ​​इंश्योरेंस वगैरह जैसी इंस्टीट्यूशनल पॉलिसी महिला वकीलों को प्रोफेशन में बेहतर करने में मदद करती हैं।

    लिटिगेशन से ज्यूडिशियरी में बदलाव

    सर्वे में यह भी पाया गया कि ज़्यादातर महिला वकील अपनी बेटियों को इस प्रोफेशन में आने के लिए प्रोत्साहित करेंगी, जिसमें लिटिगेशन और ज्यूडिशियरी सबसे पसंदीदा करियर के रास्ते बनकर उभरे हैं।

    लगभग 64% ने कहा कि वे दूसरी महिलाओं को लॉ को एक प्रोफेशन के तौर पर रिकमेंड करेंगी और 39.6% ने ज्यूडिशियरी को अपना आइडियल करियर ऑप्शन बताया। खास बात यह है कि 43.1% महिला वकीलों ने लिटिगेशन से ज्यूडिशियल सर्विस में जाने की इच्छा जताई।

    यह डेटा सीनियर एडवोकेट अनिंदिता पुजारी, एडवोकेट प्रज्ञा बघेल और शैलेश्वर यादव ने पेश किया।

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