सावरकर मानहानि मामले में शिकायकर्ता को झटका, राहुल गांधी का भाषण चलाने की प्रार्थना खारिज

Shahadat

28 Nov 2025 12:50 PM IST

  • सावरकर मानहानि मामले में शिकायकर्ता को झटका, राहुल गांधी का भाषण चलाने की प्रार्थना खारिज

    कांग्रेस लीडर राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि केस में दिलचस्प बात यह हुई कि उन्होंने लंदन में अपने भाषण में राइट-विंग लीडर विनायक सावरकर को कथित तौर पर बदनाम किया था। पुणे की एक स्पेशल MP/MLA कोर्ट ने उस भाषण का वीडियो चलाने की अर्जी खारिज की, जिसे गांधी के YouTube चैनल पर अपलोड किया गया था।

    खास बात यह है कि सावरकर के पोते सत्यकी ने सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए गांधी के खिलाफ क्रिमिनल मानहानि का केस किया।

    स्पेशल जज अमोल शिंदे इस केस को देख रहे हैं, जो शिकायत करने वाले के एग्ज़ामिनेशन-इन-चीफ स्टेज पर पहुंच गया।

    14 नवंबर के एक ऑर्डर के मुताबिक, जब कोर्ट ने कथित तौर पर बदनाम करने वाले भाषण वाली कॉम्पैक्ट डिस्क (CD) चलाई, तो वह "खाली" पाई गई।

    यह CD सत्यकी ने कोर्ट में अपनी शिकायत फाइल करते समय जमा की थी।

    जब वह CD ब्लैंक निकली तो सत्यकी ने कोर्ट में एप्लीकेशन देकर गांधी के YouTube चैनल से सीधे स्पीच वीडियो चलाने की रिक्वेस्ट की। उन्होंने CD के साथ कोर्ट को उस वीडियो का लिंक भी दिया था।

    हालांकि, गांधी की तरफ से पेश हुए वकील मिलिंद पवार ने इस पर यह कहते हुए एतराज़ जताया कि सत्यकी उस YouTube चैनल के मालिक नहीं हैं।

    दोनों पक्षकारों की बातें सुनने के बाद जज शिंदे ने अपने ऑर्डर में बताया कि जब सत्यकी की फाइल की गई CD को कोर्ट के लैपटॉप और कंप्यूटर पर चलाया गया तो वह ब्लैंक पाई गई और उसमें कोई डेटा नहीं था।

    जज ने कहा कि सत्यकी ने CD के साथ इंडियन एविडेंस एक्ट की धारा 65B के तहत एक ज़रूरी सर्टिफिकेट भी लगाया था।

    जज ने कहा,

    "शिकायत में बताए गए URL के लिए सर्टिफिकेट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, जिसे शिकायतकर्ता चलाना चाहता है। इंडियन एविडेंस एक्ट की धारा 65-B के मुताबिक URL सर्टिफिकेट से सपोर्टेड नहीं है। इसलिए URL सबूत के तौर पर मान्य नहीं है।"

    स्पेशल कोर्ट ने कहा कि शिकायत करने वाले ने साल 2023 में आरोपी के कथित बदनाम करने वाले भाषण की सुनवाई के बाद यह शिकायत दर्ज की थी।

    कोर्ट ने आगे कहा,

    "यह केस इसलिए दर्ज किया गया, क्योंकि साल 2023 में आरोपी ने कथित बदनाम करने वाला भाषण दिया, उसे टेलीकास्ट किया और सर्कुलेट किया। इसलिए यह कोर्ट URL को कोर्ट में नहीं चला सकता। शिकायत करने वाले को बिना किसी शक के अपना केस साबित करना होगा। इस कोर्ट को एप्लीकेशन में कोई दम नहीं दिखता। शिकायत करने वाला आवेदन खारिज किया जा सकता है।"

    इन बातों के साथ कोर्ट ने कोर्टरूम में YouTube वीडियो चलाने की सत्यकी का आवेदन खारिज कर दिया।

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