सावरकर मानहानि मामला: वादी ने भाषण देते समय राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल की गई पुस्तक की प्रति मांगी
Shahadat
12 Jun 2025 2:07 PM

पुणे स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सत्यकी सावरकर द्वारा दायर आवेदन का जवाब देने के लिए समय दिया, जिन्होंने हिंदू महासभा के नेता विनायक सावरकर के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक भाषण देते समय उनके (गांधी) द्वारा इस्तेमाल की गई पुस्तक की प्रति मांगी।
स्पेशल जज अमोल शिंदे ने गांधी को आवेदन पर अपना विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए 3 जुलाई तक का समय दिया।
इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए मामले में गांधी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मिलिंद पवार ने कहा,
"हमने चार पृष्ठों का संक्षिप्त उत्तर दाखिल किया, जिसमें बताया गया कि शिकायतकर्ता सत्यकी ने पुस्तक की प्रति मांगने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 93 का गलत तरीके से हवाला दिया है। हमने कहा कि जब यह मामला शुरू किया गया, उस समय BNSS लागू भी नहीं था। इस प्रकार, शिकायतकर्ता ने अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है।"
पवार ने कहा कि कुछ 'अप्रत्याशित' परिस्थितियों के कारण, गांधी, जो विपक्षी दल के नेता (LOP) भी हैं, मामले में अपनी बात नहीं रख सके।
वकील ने कहा,
"मेरे मुवक्किल ने विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है, क्योंकि शिकायतकर्ता का दावा है कि निष्पक्ष सुनवाई के लिए यह पुस्तक आवश्यक है।"
आवेदन में सत्यकी ने अपने वकील संग्राम कोल्हटकर के माध्यम से तर्क दिया कि यह पुस्तक, जिसका गांधी ने अपने भाषण में सहारा लिया था, आवश्यक है। इसलिए इसकी एक प्रति उन्हें उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि पिछली सुनवाई में अदालत ने गांधी द्वारा दायर आवेदन स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने सावरकर द्वारा लिखित दो पुस्तकों - "माझी जन्मथेप" (मेरा आजीवन कारावास) और "हिंदुत्व" की प्रतियां मांगी हैं।