सबरीमालाः केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला के दैनिक त‌ीर्थयात्र‌ियों की संख्या बढ़ाने का दिया था आदेश, केरल सरकार ने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

LiveLaw News Network

24 Dec 2020 11:21 AM GMT

  • सबरीमालाः केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला के दैनिक त‌ीर्थयात्र‌ियों की संख्या बढ़ाने का दिया था आदेश, केरल सरकार ने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट द्वारा सबरीमाला मंदिर में दैनिक तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाकर 5000 किए जाने के निर्देश के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है।

    केरल के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति ने पांच अक्टूबर मंडलकलम को ध्यान में रखते हुए सबरीमाला में तीर्थयात्रा की अनुमति देने का फैसला किया था, हालांकि COVID-19 के मद्देनजर, सप्ताहांत पर 2000 और अन्य दिनों में यात्रियों की संख्या ही रखी गई थी। विशेष पूजा दिनों पर यह संख्या 5000 तय की गई थी।

    उक्त यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को वर्चुअल क्यू सिस्टम के जर‌िए पंजीकरण कराना और अधिकृत प्रयोगशाला से COVID 19 नेगेटिव प्रमाण पत्र प्रदान करना आवश्यक है।

    हालांक‌ि इन प्रतिबंधों के खिलाफ उच्च न्यायालय में कई रिट याचिकाएं दायर की गई। 18 दिसंबर को जस्टिस सीटी रविकुमार और के हरिपाल की खंडपीठ ने उन याचिकाओं का निस्तारण करते हुए या‌त्र‌ियों की संख्या 5000 तक बढ़ा दी।

    इस निर्देश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याच‌िका में राज्य सरकार ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर की यात्रा की अनुमति के बाद COVID-19 प्रभावित पुलिस अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों और तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी है।

    मंदिर में प्रवेश को पुलिस कर्म‌ियों द्वारा वर्चुअल क्यू प्रणाली द्वारा नियंत्रित किया जाता है, और मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने से पहले तीर्थयात्रियों का COVID-19 परीक्षण किया जाता है। तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने से पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तनाव बढ़ जाएगा, और इस मात्रा तीर्थयात्रियों को नियंत्रित करने में कठिनाई में डाल देगी।

    सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है, "इस स्तर पर तीर्थयात्रियों की संख्या प्रति दिन 5000 तक बढ़ाने से निश्चित रूप से COVID-19 को नियंत्रित करने के राज्य सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों को प्रभावित करेगा। हाईकोर्ट ने राज्य और विश्व की इन स्थितियों की अनदेखी की है। अदालत ने तीर्थयात्रियों की संख्या को 2000 से बढ़ाकर 5000 प्रति दिन कर दी है।"

    एसएलपी में यूके में पाए गए कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के बारे में भी चर्चा की गई है, जिसके कारण केंद्र सरकार ने ब्रिटेन की उड़ानों को रद्द कर दिया है।

    याचिका में यह भी कहा गया है कि उच्च न्यायालय में याचिकाओं के लंबित होने के दौरान, उच्च-स्तरीय समिति ने सप्ताह के दिनों में या‌त्रियों की संख्या बढ़ाकर सप्ताहांत पर 3000 और अन्य दिनों में 2000 कर दी थी। यह निर्णय COVID-19 पर 14.12.2020 को जारी संशोधित स्वास्थ्य सिफारिशों पर आधारित है।

    "ऐसी स्थिति होने के नाते, उच्च न्यायालय को तीर्थयात्रियों की पहले से बढ़ी हुई संख्या के साथ हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.....। तीर्थयात्रियों की संख्या 5000 तक बढ़ाने का फैसला बिना किसी दस्तावेज के आधार पर किया गया है, जबकि उच्च स्तरीय समिति द्वारा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव द्वारा प्रस्तुत संशोधित स्वास्थ्य सलाह पर विचार करने के बाद संख्या निर्धारित की गई थी।"

    दैनिक तीर्थयात्रियों की वृद्धि के आदेश में हाईकोर्ट ने सबरीमाला पैकेज के लिए संशोधित स्वास्थ्य सलाहों को नोट किया था, जिसमें कहा गया था कि खराब हवादार बंद जगहों पर, भीड़भाड़ वाले स्‍थानों पर लगा गतिमान स्थिति होनी चाहिए।

    इस संबंध में, हाईकोर्ट ने कहा है, "सन्‍न‌िधानम को कम हवादार और बंद जगह नहीं कहा जा सकता है। जहां तक तीर्थयात्रियों की संख्या का संबंध है, सन्‍न‌िधानम में भीड़ के लिए कोई जगह नहीं है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए केवल संख्या ‌फिक्स जा सकती है।"

    इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 14 दिसंबर के बाद समिति की अगली बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है, और सीजन का लगभग आधा हिस्सा खत्म हो गया है, अदालत ने हस्तक्षेप करना उचित समझा।

    Next Story