सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 108- ' कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को तभी तलब किया जाना चाहिए जब अधिकृत प्रतिनिधि सहयोग नहीं कर रहे हों': गुवाहाटी हाईकोर्ट

Brij Nandan

23 May 2022 12:02 PM GMT

  • गुवाहाटी हाईकोर्ट

    गुवाहाटी हाईकोर्ट 

    गुवाहाटी हाईकोर्ट (Gauhati High Court) ने कहा कि किसी कंपनी के प्रबंध निदेशक को सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 108 के तहत अधिकारियों द्वारा सीधे तलब नहीं किया जाना चाहिए।

    कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आम तौर पर, किसी कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है और प्रबंध निदेशकों को केवल तभी बुलाया जा सकता है जब अधिकृत प्रतिनिधि सहयोग नहीं कर रहे हों या यदि जांच को तेजी से पूरा किया जाना है, जैसा भी मामला हो।

    जस्टिस अचिंत्य मल्ल बुजोर बरुआ की सिंगल जज बेंच ने कहा,

    "यह विभाग की प्रथा है कि बिना किसी औचित्य के प्रबंध निदेशक या अन्य निदेशकों को समन जारी नहीं किया जाता है और दूसरी बात, प्रबंध निदेशक या निदेशक को समन केवल उन मामलों में अंतिम उपाय के रूप में किया जाना चाहिए जहां अधिकृत प्रतिनिधि सहयोग नहीं कर रहे हैं या जांच तेजी से पूरी की जानी है।"

    क्या है पूरा मामला?

    याचिकाकर्ता स्टार सीमेंट मेघालय लिमिटेड द्वारा ईपीसीजी लाइसेंसों के आयात के संबंध में एक जांच को आगे बढ़ाने के लिए, याचिकाकर्ता कंपनी के प्रबंध निदेशक को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 108 के तहत दिनांक 27.04.2022 को एक समन जारी किया गया था।

    समन सीधे याचिकाकर्ता कंपनी के प्रबंध निदेशक को बिना किसी अधिकृत प्रतिनिधि को जारी किए जारी किया गया था।

    याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील डॉ. ए सराफ ने केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के दिनांक 13.10.1989 के एक सर्कुलर पर भरोसा किया, जिसमें विभागीय अधिकारियों को किसी भी कंपनी के प्रबंध निदेशक/निदेशकों को जांच के लिए नहीं बुलाने का निर्देश दिया गया था।

    इसलिए उन्होंने कोर्ट से इस मामले में जारी ऐसे समन को रद्द करने का आग्रह किया।

    कोर्ट की टिप्पणियां

    कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं है जो यह दर्शाती है कि विभाग द्वारा एक तर्कपूर्ण दृष्टिकोण बनाया गया है कि याचिकाकर्ता अधिकृत प्रतिनिधि सहयोग नहीं कर रहा है या किसी कारण जांच के लिए विशिष्ट प्रबंध निदेशक की उपस्थिति की आवश्यकता है।

    इसलिए, ऐसी परिस्थितियों में कोर्ट ने विभागीय अधिकारियों, जिन्होंने 1962 के अधिनियम की धारा 108 के तहत समन जारी किया था, को सीधे याचिकाकर्ता कंपनी के प्रबंध निदेशक को समन जारी नहीं करने का निर्देश देकर रिट याचिका का निपटान करना उचित समझा।

    कोर्ट ने याचिकाकर्ता कंपनी के निदेशक मंडल को प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से एक सक्षम व्यक्ति को अधिकृत करने का निर्देश दिया और इसके लिए अधिकारियों को केवल ऐसे अधिकृत व्यक्ति को समन जारी करने की आवश्यकता थी। उक्त के आलोक में दिनांक 27.04.2022 के समन को रद्द करते हुए उस स्थान पर संशोधित समन जारी करने का निर्देश दिया गया है।

    केस टाइटल: सेंचुरी प्लाईबोर्ड्स (इंडिया) लिमिटेड एंड अन्य बनाम भारत संघ एंड अन्य।

    केस नंबर: WP(c) 3210 of 2022

    आदेश दिनांक: 18 मई 2022

    कोरम: जस्टिस अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ

    याचिकाकर्ताओं के वकील: सीनियर एडवोकेट डॉ ए सराफ

    प्रतिवादियों के लिए वकील: सहायक एसजीआई

    साइटेशन: 2022 लाइव लॉ 39

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:



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