केंद्र और दिल्ली सरकार से अनुरोध किया कि वह रिलायंस इन्फ्रा को बकाये के भुगतान के लिए 'ब्याज मुक्त सबोर्डिनेट लोन' प्रदान करे: हाईकोर्ट में DMRC ने कहा
Shahadat
19 Jan 2023 3:36 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने कहा कि उसने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से अनुरोध किया कि वह रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा प्रवर्तित दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) को आर्बिट्रेशन अवार्ड के अपने अवैतनिक बकाये के भुगतान के लिए "ब्याज मुक्त सबोर्डिनेट लोन" प्रदान करे।
DMRC ने 18 जनवरी को दायर अपने हलफनामे में अदालत को सूचित किया है कि उसने दो पत्र लिखे हैं, दोनों इक्विटी भागीदारों, दिल्ली सरकार और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए ब्याज मुक्त सबोर्डिनेट लोन के रूप में प्रत्येक को 3565.64 करोड़ रूपए की राशि का योगदान करने का अनुरोध किया।
हलफनामे में कहा गया,
'DMRC ने भी जल्द कार्रवाई का अनुरोध किया है, क्योंकि मामले में पहले ही देरी हो चुकी है।'
अदालत को सूचित किया गया कि यह निर्णय दिल्ली सरकार द्वारा बकाये के योगदान में पहले दिखाई गई अनिच्छा और DMRC की "प्रतिकूल वित्तीय स्थिति" के कारण खुले बाजार से धन जुटाने में असमर्थता को देखते हुए लिया गया।
जवाब में कहा गया,
"हालांकि ब्याज मुक्त सबोर्डिनेट लोन का यह कदम DMRC पर अधिक वित्तीय बोझ डालता है। हालांकि, इक्विटी शेयरों को जारी करने का कम वित्तीय बोझ वाला विकल्प, जिसे पहले खोजा गया, उसको अमल में लाने में विफल रहा।"
दिल्ली सरकार ने DMRC को धन उपलब्ध कराने से इनकार करते हुए अपने संचार में कहा कि शेयरधारकों को संविदात्मक चूक से उत्पन्न भुगतान के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।
DMRC ने तब अदालत से कहा था कि वह इस दायित्व को पूरा करने के लिए खुले बाजार से या बाहरी सहायता प्राप्त फंड या भारत सरकार से लोन के माध्यम से धन जुटा सकती है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध था, भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि के पेश न होने के कारण स्थगित कर दिया गया।
अदालत 11 मई, 2017 के आर्बिट्रेशन अवार्ड को लागू करने की मांग करने वाली DAMEPL द्वारा दायर याचिका से निपट रही है। 2008 में DMRC ने DAMEPL के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए, जो "लाइन के डिजाइन, स्थापना, कमीशनिंग, संचालन और रखरखाव" से संबंधित है।
कुछ विवादों के कारण मामला 2012 में आर्बिट्रेशन में चला गया। DAMEPL द्वारा कुछ आधारों पर समझौते को समाप्त करने के बाद DMRC ने आर्बिट्रेशन को लागू किया। DAMEPL के पक्ष में दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा।
DMRC के अनुसार, 06 सितंबर, 2022 तक रिलायंस की सहायक कंपनी पर इसका 7,010.08 करोड़ रूपए बकाया है। अब तक DAMEPL को 2,599.17 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। DMRC ने केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों से 3500-3500 करोड़ रूपए मांगे हैं।
केस टाइटल: दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड बनाम दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड।