लाल किला ब्लास्ट: हाईकोर्ट ने आरोपी जसीर बिलाल की अपने वकील से मिलने की रिक्वेस्ट ठुकराई
Shahadat
21 Nov 2025 6:29 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हाल ही में हुए लाल किला ब्लास्ट से जुड़े मामले में सह-आरोपी जसीर बिलाल वली को NIA हेडक्वार्टर में अपने वकील से मिलने की इजाज़त देने वाला अर्जेंट ऑर्डर पास करने से मना कर दिया।
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि वली ट्रायल कोर्ट का कोई ऐसा ऑर्डर नहीं दिखा पाए, जिसमें उन्हें ऐसी राहत देने से मना किया गया हो। इसलिए कोर्ट कोई नया प्रोसीजर नहीं बना सकता।
जज ने कहा,
"यह (केस) कोई स्पेशल नहीं है।"
जस्टिस शर्मा ने वली के वकील के सिर्फ़ बोलकर दिए गए इस बयान पर भी सवाल उठाया कि उनकी लीगल मीटिंग की अर्ज़ी संबंधित ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थी।
कोर्ट ने कहा,
"मैं आप पर भरोसा क्यों करूं? कोई आकर बोलकर कहता है कि यह (एप्लीकेशन) खारिज कर दी गई... फिर हर कोई हमारे पास आएगा और कहेगा कि यह खारिज कर दी गई।"
आगे कहा कि तय लीगल प्रोसीजर का पालन किया जाना चाहिए। इसे एक आरोपी के लिए नहीं बदला जा सकता। कोर्ट ने मामले को कानून के मुताबिक कल फैसले के लिए ट्रायल कोर्ट को वापस भेज दिया है।
NIA ने आरोप लगाया है कि वानी “सुसाइड बॉम्बर” उमर उन नबी का “एक्टिव को-कॉन्स्पिरेटर” है। इस ब्लास्ट में 15 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हुए।
NIA ने एक बयान में कहा कि अनंतनाग के काजीगुंड के रहने वाले वानी को 17 नवंबर को श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया।
आरोप हैं कि उसने बम ब्लास्ट से पहले ड्रोन को मॉडिफाई करके और रॉकेट बनाने की कोशिश करके टेरर अटैक करने के लिए टेक्निकल सपोर्ट दिया।
बयान में वानी को हमले का एक्टिव को-कॉन्स्पिरेटर बताया गया, जिसने “टेरर कार्नेज” की प्लानिंग करने के लिए टेररिस्ट उमर उन नबी के साथ मिलकर काम किया।
Title: JASIR BILAL WANI @ DANISH v. NATIONAL INVESTIGATION AGENCY

