यह रेलवे प्रशासन को निर्धारित करना है कि कौन-कौन सी मौजूदा सेवाओं को फिर से शुरू किया जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

22 March 2021 6:46 AM GMT

  • यह रेलवे प्रशासन को निर्धारित करना है कि कौन-कौन सी मौजूदा सेवाओं को फिर से शुरू किया जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उपनगरीय रेलवे और यात्री ट्रेनों को फिर से शुरू करने की मांग करने वाली याचिका का यह रेखांकित करते हुए निपटारा किया कि उपनगरीय रेलवे और यात्री ट्रेनों को फिर से शुरू करने के बाद डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल को बनाए रखना संभव नहीं हो सकता है।

    मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने यह देखते हुए "नियमित रूप से नियमित रेल सेवाओं को निर्देशित करने" से परहेज किया।

    कोर्ट के सामने दलील

    याचिकाकर्ता ने नियमित यात्री ट्रेनों और उपनगरीय सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने मांगे करते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी।

    कोर्ट का अवलोकन

    न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह नहीं देखा होगा कि पिछले एक सप्ताह में देश में कितने COVID-19 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं।

    न्यायालय ने देखा,

    "हालांकि इस राज्य की स्थिति पड़ोसी राज्यों में से कुछ बेहतर हो सकती है। अब पॉजिटिव मामलों की संख्या का आंकड़ा वही है, जो दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में था।"

    न्यायालय ने यह भी कहा कि पॉजिटिव मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए न्यायालय को फिर से पूर्ण फिजिकल सुनवाई शुरू करने की योजना को भी वापस ले लिया गया है। अब बस, तत्काल मामलों को छोड़कर अदालत में फिजिकल सुनवाई नहीं की जाएगी।

    कोर्ट ने टिप्पणी की,

    "उपनगरीय रेलवे और यात्री ट्रेनों को एक बार फिर से शुरू किया जाएगा, तो प्रोटोकॉल को बनाए रखना संभव नहीं हो सकता है और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ से बचा नहीं जा सकता है। इसलिए कोई तत्काल दिशा-निर्देश दिए जाने की आवश्यकता नहीं है।"

    अदालत ने कहा कि रेलवे अधिकारियों को यह तय करने से पहले विशेषज्ञ सलाह लेना है कि कैसे और किस हद तक रेलवे को यात्रा के लिए फिर से खोला जाएगा।

    इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों पर निर्णय लेने के लिए अपेक्षित विशेषज्ञता नहीं है।

    अंत में, याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि एक बार वैक्सीनेशन पूरा होने के करीब पहुंच जाता है और पॉजिटिव मामलों की संख्या में गिरावट इस महीने की शुरुआत तक फिर से पहुंच जाती है, तो याचिकाकर्ता की प्रार्थना को नवीनीकृत किया जा सकता है।

    केस का शीर्षक - बी. रामकुमार आदित्यन बनाम रेलवे बोर्ड अध्यक्ष और अन्य [W.P.No.6756 of 2021]

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