राजस्थान हाईकोर्ट ने परिणाम घोषित होने के बाद सरकारी स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति पर लगाए गए प्रतिबंध को रद्द किया

Avanish Pathak

3 Nov 2023 1:44 PM GMT

  • राजस्थान हाईकोर्ट ने परिणाम घोषित होने के बाद सरकारी स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति पर लगाए गए प्रतिबंध को रद्द किया

    राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में नियुक्ति आदेशों में शामिल एक क्लॉज को रद्द कर दिया है, जिसे नियुक्त‌ि परिणामों की घोषणा के बहुत बाद शामिल किया गया था। उक्त क्लॉज के कारण सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कार्यरत मौजूदा शिक्षकों की कार्यमुक्ति प्रतिबंधित हो गई थी, जबकि पहले वे अन्य स्कूलों में नियुक्ति के लिए योग्य थे।

    जस्टिस अरुण भंसाली की सिंगल जज बेंच ने कहा कि चयन प्रक्रिया के बाद इस प्रकार का प्रतिबंध जारी करना, जो प्रभावी रूप से योग्य उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराता है, 'खेल खत्म होने के बाद खेल के नियमों को बदलने' के समान है।

    नियुक्ति आदेशों में शामिल खंड 11 का विरोध करने वाले याचिकाकर्ता पहले से ही महात्मा गांधी सरकारी (अंग्रेजी माध्यम) स्कूलों में काम कर रहे थे। जबकि, प्रतिवादी अधिकारियों ने जून में विज्ञापन जारी कर महात्मा गांधी सरकारी (अंग्रेजी माध्यम) स्कूल और स्वामी विवेकानंद सरकारी मॉडल स्कूल और अन्य सभी सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विभिन्न पदों के लिए मौजूदा कर्मचारियों से आवेदन आमंत्रित किए थे।

    विज्ञापनों में संकेत दिया गया कि विभाग के पदधारी, शिक्षक और कर्मचारी आवेदन करने और परीक्षा में भाग लेने के पात्र होंगे और प्रक्रिया पर दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।

    24.10.2023 को राजस्थान सिविल सेवा (अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कार्मिकों की नियुक्ति के लिए विशेष चयन एवं सेवाओं की विशेष शर्ते) नियम, 2023 के नियम 10 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने विभिन्न ‌‌डिविजनों के संयुक्त निदेशकों को निर्देश जारी किया कि जिन पदधारियों का पहले ही साक्षात्कार के माध्यम से चयन हो चुका है और वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पद संभाल रहे हैं, उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा सकता है।

    रिट याचिकाओं को स्वीकार करते हुए और नियुक्ति आदेश के खंड 11 को रद्द करते हुए, अदालत ने 2023 नियमों के नियम 8 पर भी संक्षेप में चर्चा की जो अनुसूची 1 में पदों के लिए चयन की पात्रता के बारे में बात करती है।

    अदालत ने कहा कि जब उम्मीदवारों ने अपने आवेदन पत्र भरे, तो उन्होंने अपने वर्तमान पोस्टिंग स्थान का उल्लेख किया, जो अपने आप में पोस्टिंग के लिए उनकी पात्रता को दर्शाता है। इसलिए, प्रतिवादी अधिकारी बाद में इस तर्क का सहारा नहीं ले सकते कि नए विज्ञापनों के अनुसार नियुक्तियों के परिणामस्वरूप उन स्कूलों में नई रिक्तियां पैदा होंगी जहां से उन्हें कार्यमुक्त किया जाना है।

    केस टाइटल: विक्रम सिंह और अन्य बनाम राजस्थान राज्य और अन्य और संबंधित मामले

    केस नंबर: एसबी सिविल रिट याचिका संख्या 16275/2023 और संबंधित मामले

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