'पॉलिसी मैटर': राजस्थान हाईकोर्ट ने COVID-19 वैक्सीन के अनिवार्य लाइसेंस की मांग करने वाली याचिका खारिज की

LiveLaw News Network

1 July 2021 2:11 PM GMT

  • पॉलिसी मैटर: राजस्थान हाईकोर्ट ने COVID-19 वैक्सीन के अनिवार्य लाइसेंस की मांग करने वाली याचिका खारिज की

    राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने पेटेंट एक्ट के तहत COVID-19 वैक्सीन के अनिवार्य लाइसेंस की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

    न्यायमूर्ति सबीना और न्यायमूर्ति मनोज कुमार व्यास की खंडपीठ ने कहा कि यह एक नीतिगत मामला है जिस पर कार्यपालिका को निर्णय लेना है और अदालतों को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।

    राज्य में वैक्सीन की कमी से चिंतित याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने प्राइवेट और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के संबंध में सरकार की योजनाओं का खुलासा करने की मांग की।

    उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार को पेटेंट अधिनियम की धारा 92 के तहत वैक्सीन के लिए अनिवार्य लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया जाए। यह आगे आग्रह किया गया कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वैक्सीन की निर्माण प्रक्रिया से संबंधित व्यापार रहस्यों को साझा करने के लिए निर्देशित किया जाए।

    याचिकाकर्ता ने यह भी सुझाव दिया कि केंद्र संभावित राज्य के स्वामित्व वाले वैक्सीन निर्माताओं की पहचान कर सकता है ताकि टीकों की कमी को टाला जा सके।

    हालांकि, कोर्ट ने देखा,

    "याचिकाकर्ता नंबर 2 को सुनने के बाद हमारी राय है कि असाधारण रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते समय हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं बनता है, क्योंकि वर्तमान मामले में शामिल मुद्दा प्रतिवादियों द्वारा लिए जाने वाले नीतिगत निर्णय से संबंधित है। इसलिए याचिका को खारिज किया जा रहा है।"

    पिछले महीने, केरल हाईकोर्ट ने संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर सक्षम वैक्सीन निर्माताओं को COVID-19 वैक्सीन बनाने की अनुमति देने के लिए अनिवार्य लाइसेंस की मांग करने वाली इसी तरह की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था।

    इसी तरह का एक सवाल सुप्रीम कोर्ट ने भी रखा था, जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि वह वैक्सीन और दवाओं की खरीद के लिए अन्य देशों के साथ राजनयिक स्तर की बातचीत कर रही है। साथ ही पेटेंट अधिनियम के तहत वैधानिक शक्तियों के प्रयोग पर कोई भी चर्चा जवाबी कार्रवाई होगी।

    केस शीर्षक: मल्लिका सिंह और अन्य बनाम भारत सरकार और अन्य।

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