राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्मित रेत नीति के कार्यान्वयन की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

Shahadat

30 Aug 2022 6:30 AM GMT

  • Install Smart Television Screens & Make Available Recorded Education Courses In Shelter Homes For Ladies/Children

    राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High court) ने राज्य में निर्मित रेत नीति (Manufactured Sand Policy) के कार्यान्वयन में सरकार की कथित निष्क्रियता के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया।

    जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस चंद्र कुमार सोंगारा की खंडपीठ दिनेश कुमार गोयल और अन्य द्वारा एडवोकेट कुलदीप वैष्णव के माध्यम से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

    राजस्थान लघु खनिज रियायत नियम, 2017 के अनुसार, "एम-रेत" का अर्थ है खनिजों के क्रशिंग / ओवरबर्डन द्वारा उत्पादित निर्मित रेत।

    याचिकाकर्ताओं के अनुसार, उपरोक्त नियमों का कार्यान्वयन बड़े पैमाने पर जनता के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि इन निर्माण इकाइयों के माध्यम से कई लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही राज्य को डंपिंग यार्ड में पड़े अपशिष्ट पदार्थों से राजस्व प्राप्त होगा।

    याचिका में आरोप लगाया गया,

    "राज्य सरकार द्वारा किए गए उपायों के बावजूद, बजरी की अवैध उत्खनन, पर्यावरणीय क्षति और उच्च रेत की कीमतों के मुद्दे, जो एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, अभी भी प्रभावी हैं। ये बड़े पैमाने पर जनता के लिए बहुत खतरनाक है।"

    इसके अलावा, याचिका में कहा गया कि पूरे राजस्थान राज्य में बजरी की अवैध खुदाई नदियों की सुरक्षा में बाधा डालने में प्रमुख रूप से देखी जाती है। इसमें कहा गया कि राज्य के पश्चिमी हिस्सों का जल स्तर बहुत कम है।

    याचिका में यह भी कहा गया कि पूरे राज्य में डंपर बहुत ही उतावले और लापरवाही से चल रहे हैं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। इसमें आगे कहा गया कि बजरी माफियाओं की हरकतें पूरे राज्य में देखी जाती हैं।

    याचिका में कहा गया कि संयुक्त सचिव द्वारा विभिन्न विभागों को खनिज एम-रेत के उपयोग के लिए 25 प्रतिशत तक के निर्देश जारी किए गए हैं, जिसे खनिज बजरी के स्थान पर 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इस संबंध में याचिका में आरोप लगाया गया कि आज तक सरकारों की विभिन्न परियोजनाओं का क्रियान्वयन कानून की भावना से नहीं किया गया।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट कुलदीप वैष्णव पेश हुए।

    केस टाइटल: दिनेश कुमार गोयल बनाम राजस्थान राज्य

    केस नंबर: डी.बी. सिविल रिट याचिका नंबर 12257/2022

    ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




    Next Story