ई-सिगरेट: राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से ऑनलाइन बिक्री को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर जवाब मांगा

Shahadat

3 Aug 2022 11:11 AM IST

  • ई-सिगरेट: राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से ऑनलाइन बिक्री को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर जवाब मांगा

    राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) की ऑनलाइन बिक्री को रोकने और इसे प्रतिबंधित करने के लिए उठाए गए कदमों का संकेत देते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

    हाईकोर्ट ने यह निर्देश इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने और बिक्री, खपत, ई-सिगरेट के उपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश की मांग करते हुए दायर जनहित पर सुनवाई के दौरान दिया।

    फोर्थ ईयर लॉ स्टूडेंट प्रियांशा गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर पिछले महीने नोटिस जारी किया गया था।

    जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने कहा,

    "सुनवाई की अगली तारीख पर संबंधित प्रतिवादियों के वकील स्पष्ट रूप से यह बताते हुए हलफनामा दाखिल करेंगे कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की ऑनलाइन बिक्री को रोकने और प्रतिबंधित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। संबंधित प्रतिवादियों द्वारा की गई कार्रवाई की स्थिति को भी विचार के लिए रखा जाएगा।"

    याचिका में कहा गया कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के बावजूद यह पान की दुकानों और यहां तक ​​कि इंटरनेट पर भी आसानी से उपलब्ध है। याचिका में ई-सिगरेट के व्यवसाय में शामिल वेबसाइटों की गैर-विस्तृत सूची भी उल्लेखित की गई, जो कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जनता के लिए खतरनाक समस्याएं पैदा कर रही है।

    याचिकाकर्ता ने 2019 अधिनियम के उचित कार्यान्वयन के लिए नियम/विनियम बनाने के साथ-साथ प्रगति की निगरानी और समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति की नियुक्ति की मांग की है। पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश देने की मांग की गई कि अपराधियों की विधिवत पहचान की जाए और उन्हें न्याय के दायरे में लाया जाए।

    मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।

    याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुआ।

    प्रतिवादियों के एडवोकेट एएजी राजेश महर्षि हैं। उदित शर्मा, एडवोकेट एएसजी आरडी रस्तोगी की ओर से चंद्रशेखर सिन्हा और एडवोकेट किंशुक जैन।

    केस टाइटल: प्रियांशा गुप्ता बनाम भारत संघ और अन्य।

    ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



    Next Story