रायगढ़ पुलिस ने 2018 के अनवे नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अर्नब गोस्वामी और 2 अन्य के खिलाफ 1914 पृष्ठों की चार्जशीट दायर की

LiveLaw News Network

5 Dec 2020 11:05 AM GMT

  • रायगढ़ पुलिस ने 2018 के अनवे नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अर्नब गोस्वामी और 2 अन्य के खिलाफ 1914 पृष्ठों की चार्जशीट दायर की

    रायगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और दो अन्य के खिलाफ 2018 के अनवे नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में चार्जशीट दाखिल की।

    यह चार्जशीट पड़ोसी रायगढ़ जिले के अलीबाग की एक अदालत के समक्ष दायर की गई है जहां इंटीरियर डिजाइनर अनवे नाइक और उनकी मां कुमुद के आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है ।

    विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घराट ने कहा, गोस्वामी के अलावा चार्जशीट में नामजद अन्य दो आरोपी फिरोज शेख और नीतीश सारदा हैं।

    तीनों पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 109 (उकसाने के लिए सजा) और 34 (आम इरादे को आगे बढ़ाते हुए कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत आरोप लगाया गया है।

    1914 पन्नों में चलने वाली चार्जशीट में 65 लोगों को गवाह के रूप में नामित किया गया है ।

    अभियोजन पक्ष के सूत्रों ने कहा कि यह कथित आत्मघाती नोट पर ' मरने की घोषणा ' के रूप में निर्भर करता है ।

    सूत्रों ने बताया कि नाइक की लिखावट का मिलान सुसाइड नोट में लिखी गई तहरीर से किया गया है और फोरेंसिक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसे लिखते समय वह दबाव में नहीं था।

    दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज छह बयान भी चार्जशीट का हिस्सा हैं। ट्रायल के दौरान इस तरह के बयानों को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

    संयोग से गोस्वामी ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन याचिका पर अभी सुनवाई होनी बाकी है।

    गोस्वामी, शेख और सारदा को अलीबाग पुलिस ने इस मामले में 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था, लेकिन उन्हें 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

    अनवे नाइक और उसकी मां कुमुद ने 2018 में कथित तौर पर गोस्वामी और अन्य दो आरोपियों की फर्मों द्वारा बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण आत्महत्या कर ली थी ।

    2019 में सबूतों के अभाव में बंद हुए इस मामले को इस साल मई में फिर से खोल दिया गया था, जिसमें गोस्वामी ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र सरकार टीवी पत्रकार के रूप में उनके काम के लिए उनके खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई कर रही है।

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