Rahul Gandhi ने मानहानि मामले को 'समन ट्रायल' में बदलने के लिए पुणे कोर्ट का रुख किया

Shahadat

19 Feb 2025 4:23 AM

  • Rahul Gandhi ने मानहानि मामले को समन ट्रायल में बदलने के लिए पुणे कोर्ट का रुख किया

    Congress नेता Rahul Gandhi ने दिवंगत दक्षिणपंथी नेता विनायक सावरकर (Savarkar) के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक बयानों को लेकर अपने खिलाफ लंबित 'सममन ट्रायल' को 'समन ट्रायल' में बदलने के लिए पुणे की स्पेशल एमपी/एमएलए अदालत का रुख किया, क्योंकि उनके बयान ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित हैं।

    वकील मिलिंद पवार के माध्यम से दायर आवेदन में Gandhi ने बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता - सत्यकी सावरकर ने अपनी शिकायत में दावा किया कि सावरकर ने ब्रिटिश शासकों से स्वतंत्रता के संघर्ष में योगदान दिया। हालांकि, इस पर विवाद करते हुए Gandhi ने अदालत से ऐतिहासिक तथ्यों के रिकॉर्ड मंगाने के लिए मुकदमे को समन ट्रायल में बदलने का आग्रह किया।

    याचिका में कहा गया,

    "इस मामले में मुख्य मुद्दा कुछ ऐतिहासिक तथ्यों का निर्धारण करना होगा, जिन पर पक्षकारों में मतभेद है। इसलिए साक्ष्य का बड़ा हिस्सा ऐतिहासिक प्रकृति की सामग्री होगी, जिसके लिए अकादमिक जांच की आवश्यकता होगी। वर्तमान मामला तथ्य और कानून के जटिल प्रश्न उठाता है, इसलिए इसमें गहन और विस्तृत जिरह की आवश्यकता है, जो इस मामले की संक्षिप्त सुनवाई के मामले में स्वीकार्य नहीं हो सकती है। सुनवाई में लंबा समय लगने की संभावना है और न्याय के हित में यह आवश्यक है कि इस मामले की सुनवाई समन मामले के रूप में की जाए।"

    याचिका में कहा गया कि सावरकर के 'सच्चे' योगदान की जांच इतिहास के माध्यम से की जा सकती है, जिसका रिकॉर्ड अदालत के समक्ष लाया जाना चाहिए। इसका मतलब यह होगा कि बचाव पक्ष (गांधी) इस मामले में शिकायतकर्ता से व्यापक और गहन क्रॉस एक्जामिनेशन कर सकता है।

    याचिका में कहा गया,

    "ऐतिहासिक आंदोलनों में स्वर्गीय सावरकर की भूमिका का सही विवरण और इस मुख्य आंदोलन (स्वतंत्रता संग्राम) से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को इस अदालत के समक्ष लाया जाना चाहिए।"

    आवेदन पर टिप्पणी करते हुए पवार ने कहा,

    "स्वतंत्रता प्राप्ति में सावरकर का योगदान और न्यायालय के समक्ष आने वाली कई अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं गांधी को प्राकृतिक न्याय दिलाने के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण हैं।"

    आवेदन को रिकॉर्ड पर लेते हुए स्पेशल जज अमोल शिंदे ने शिकायतकर्ता को उक्त आवेदन के जवाब में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया।

    इस बीच, स्पेशल कोर्ट ने गांधी को मामले में पेश होने से 'स्थायी छूट' भी प्रदान की। इसका अर्थ यह होगा कि रायबरेली से सांसद को मुकदमे के दौरान न्यायालय की कार्यवाही में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें केवल उस दिन व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना होगा, जिस दिन न्यायालय अपना निर्णय सुनाएगा।

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