पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जैन त्योहार के दरमियान अंबाला में निजी बूचड़खानों/मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश पर रोक लगाई

Avanish Pathak

25 Aug 2022 3:15 PM GMT

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जैन त्योहार के दरमियान अंबाला में निजी बूचड़खानों/मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश पर रोक लगाई

    Punjab & Haryana High court

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 अगस्त से एक सितंबर तक जैन त्योहार- 'पर्युषण पर्व' के दरमियान अंबाला में निजी बूचड़खानों/मांस की दुकानों को बंद करने के अधिकारियों के फैसले पर रोक लगा दी है। जस्टिस सुधीर मित्तल की पीठ ने आदेश पर रोक लगा दी और इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा और मामले को 29 अगस्त, 2022 को पोस्ट कर दिया।

    दरअसल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने सभी उपायुक्तों, नगर निगमों के आयुक्तों और कार्यकारी अधिकारियों, और हरियाणा में नगर परिषदों और समितियों के सचिवों को सभी मांस की दुकानों और बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था।

    इस फैसले के खिलाफ अंबाला के पोल्ट्री फार्मों के मालिकों ने यह दावा करते हुए अदालत का रुख किया कि यह कदम याचिकाकर्ताओं के व्यापार या व्यवसाय को जारी रखने के अधिकार का उल्लंघन करने के अलावा आम जनता के संवैधानिक अधिकारों को प्रभावित करेगा।

    न्यायालय के समक्ष, याचिकाकर्ताओं ने एक निजी व्यक्ति द्वारा शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा, पंचकूला को हरियाणा राज्य में 24.08.2022 से 01.09.2022 तक पर्युषण पर्व (जैन) के कारण मांस की दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया था।

    उसी के आधार पर आगे यह प्रस्तुत किया गया कि निदेशक, शहरी और स्थानीय निकाय हरियाणा (प्रतिवादी संख्या 2) ने उपायुक्तों और स्थानीय निकायों के संबंधित अधिकारियों से उक्त अवधि के दरमियान मांस की दुकानों को बंद करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

    इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि उक्त पत्र को सरकार के निर्देश के रूप में माना गया और इसे 9 दिनों के लिए मांस की दुकानों को बंद करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और इसलिए, कार्रवाई कानून के अधिकार के बिना, मनमानी और द्वेषयुक्त है।

    आगे यह तर्क दिया गया है कि निर्णय याचिकाकर्ताओं के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर वास्तविक प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखने में भी विफल रहा, जो इस अवधि के दरमियान घाटे और परिचालन लागत का सामना करना जारी रखेंगे। राज्य की मनमानी कार्रवाई और उसके तंत्र से क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की है।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट अक्षय भान, एडवोकेट अमनदीप सिंह तलवार और अभिजीत सिंह रावले के साथ पेश हुए।

    केस टाइटल- राजपाल पोल्ट्री फार्म बनाम हरियाणा राज्य

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