पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर जमानत से इनकार किया कहा, सह-आरोपी जिन्हें अभी गिरफ्तार किया जाना है, शिकायतकर्ता को प्रभावित कर सकते हैं

Shahadat

7 Jun 2022 11:08 AM GMT

  • P&H High Court Dismisses Protection Plea Of Married Woman Residing With Another Man

    Punjab & Haryana High Court

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता के भाई के शारीरिक शोषण और अपहरण से संबंधित एफआईआर में आरोपी की नियमित जमानत की मांग वाली याचिका पर विचार करते हुए कहा कि इस स्तर पर समझौते के आधार पर ज़मानत नहीं दी जा सकती, जहां शिकायतकर्ता को प्रभावित करने की आशंका हो। उक्त व्यक्ति ने बाद में आत्महत्या कर ली थी।

    जस्टिस अवनीश झिंगन की पीठ ने आगे कहा कि एफआईआर में आरोप गंभीर हैं और शिकायतकर्ता के प्रभावित होने की आशंका है, क्योंकि अन्य सह-आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

    वर्तमान एफआईआर में आरोप गंभीर हैं, शिकायतकर्ता पक्ष के प्रभावित होने की आशंका है, खासकर जब अन्य सह-आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है और समझौता जिस पर भरोसा किया गया है, शिकायतकर्ता से संपर्क करने का एक संकेतक है।

    अदालत ने कहा कि हालांकि एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है, लेकिन पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज बयान में उसका नाम लिया था। इस तरह के बयान का साक्ष्य मूल्य परीक्षण का विषय होगा, जहां यह तय किया जाएगा कि अपहरण और स्नैचिंग के अपराधों से जुड़ी एफआईआर को समझौते के आधार पर रद्द किया जा सकता है या नहीं। जैसा भी हो जमानत के अनुदान के लिए इस स्तर पर समझौते को आधार के रूप में नहीं लिया जा सकता है।

    एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है, लेकिन इस तथ्य को भुलाया नहीं जा सकता कि पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज बयान में उसका नाम लिया था। बयान का साक्ष्य मूल्य परीक्षण का विषय होगा। यह एक बहस का मुद्दा होगा कि क्या अपहरण और स्नैचिंग के अपराधों से जुड़ी एफआईआर को समझौते के आधार पर रद्द किया जा सकता है।

    इसलिए दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर जमानत खारिज कर दी गई।

    केस शीर्षक: रोहित @ मिर्ची बनाम हरियाणा राज्य

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