पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जजों के खिलाफ 'अपमानजनक' वीडियो सर्कुलेट करने वाले बर्खास्त डीएसपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया

Avanish Pathak

21 Feb 2023 7:00 AM IST

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जजों के खिलाफ अपमानजनक वीडियो सर्कुलेट करने वाले बर्खास्त डीएसपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया

    Punjab & Haryana High Court

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को लुधियाना पुलिस आयुक्त को बर्खास्त डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों और प्रदीप शर्मा नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने और 24 फरवरी को अवमानना ​​के आरोप का जवाब देने के लिए अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।

    उन पर हाईकोर्ट के जजों की न्यायिक कार्यवाही से संबंधित दुर्भावानपूर्ण, आपत्तिजनक और 'अपमानजनक' वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कूलेट करने का आरोप है।

    जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की पीठ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को निर्देश दिया कि अदालती कार्यवाही से संबंधित बलविंदर सिंह सेखों से जुड़े आईपी एड्रेस से जुड़े हुए सभी वीडियो/वेब लिंक/यूआरएल को दुनिया भर में हटा दिया जाए/ब्लॉक/रिस्ट्रिक्ट/डिसेबल किया जाए।

    पृष्ठभूमि

    इससे पहले अदालत ने सेखों को 15 फरवरी को नोटिस जारी किया था। अदालत ने कहा कि सेखों, जिन्होंने 2021 में अपनी बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की थी, अन्य जजों के न्यायिक कार्यवाहियों से संबंधित वीडियो प्रसारित कर रहे थे।

    पीठ ने यह भी कहा था कि एक वीडियो में, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 10 से अधिक जजों और सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा जज का जिक्र करते हुए, सेखों ने निंदनीय आरोप लगाए। इसलिए, आरोपों का जवाब देने के लिए सेखों को न्यायालय के आदेश की एक प्रति और वीडियो कार्यवाही का ट्रांसक्रिप्ट भेजा गया था।

    हालांकि, 15 फरवरी को कार्यवाही समाप्त होने के बाद, उन्होंने (सेखों और कथित कानूनी विशेषज्ञ,प्रदीप) ने अदालत के प्रवेश द्वार पर सार्वजनिक रूप से लाइव किया और कोर्ट में आयोजित कार्यवाही पर शातिराना हमला किया। नतीजतन, अदालत ने 15 फरवरी को उनके आचरण से संबंधित मामले का आज स्वत: संज्ञान लेना पड़ा।

    अदालत ने सोमवार के आदेश में कहा कि 15 फरवरी को सेखों की ओर से पेश प्रदीप नामक व्यक्ति ने एक जज (पीठ का हिस्सा) पर सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी। कई अन्य आरोपों के अलावा, यह टिप्पणी भी की गई कि जजों को कुछ निश्चित लोगों ने पट्टा बांध रखा है।

    अदालत ने पाया कि एक वीडियो में जजों को गाली दी गई थी और उस बेंच के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप लगाए गए थे, जो इस मामले की सुनवाई कर रही थी और जिसने नोटिस जारी किया था।

    मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के ध्यान में रखते हुए अदालत ने सोमवार को उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया और निर्देश दिया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए और उसके बाद अवमानना के आरोपों का जवाब देने के लिए अदालत के समक्ष पेश किया जाए।

    कोर्ट ने आगे प्रतिवादी संख्या एक (यूनियन ऑफ इंडिया) और प्रतिवादी संख्या दो से चार ( यूटी, चंडीगढ़, डीजीपी चंडीगढ़, एसएसपी चंडीगढ़) को प्रतिवादी संख्या 6 और 7, बलविंदर सिंह सेखों और प्रदीप शर्मा द्वारा सर्कुलेट किए गए वीडियो को अवरुद्ध करने के लिए उचित कदम उठाने का ‌निर्देश दिया।

    केस टाइटलः कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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