पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक परिवार को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया, उन्हें भाजपा सांसद किरण खेर की ओर से क‌थित तौर पर मिल रही धमकी

LiveLaw News Network

12 Dec 2023 12:36 PM GMT

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक परिवार को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया, उन्हें भाजपा सांसद किरण खेर की ओर से क‌थित तौर पर मिल रही धमकी

    Punjab & Haryana High Court

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को एक सप्ताह के लिए एक परिवार की सुरक्षा करने का निर्देश दिया है, जिसे कथित तौर पर भाजपा सांसद किरण खेर की ओर से धमकियां दी जा रही हैं।

    जस्टिस अनूप चितकारा ने कहा,

    “इस प्रकार, इस मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों में यह उचित होगा कि संबंधित पुलिस अधीक्षक और संबंधित एसएचओ याचिकाकर्ता को आज से एक सप्ताह के लिए उचित सुरक्षा प्रदान करें। ऐसे में, प्रतिवादी नंबर एक (चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश) को याचिकाकर्ता और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संबंधित पुलिस अधीक्षक/एसएचओ को उन्हें एक सप्ताह की अवधि के लिए सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने का निर्देश दिया जाता है।''

    याचिकाकर्ता चैतन्य अग्रवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अनमोल रतन सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी रुचिका अग्रवाल और उनकी दो नाबालिग बेटियों को भाजपा सांसद किरण खेर से अपने जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरे की आशंका है।

    याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वह खेर के लिए बाजार में पैसा निवेश कर रहा था, हालांकि, बाजार अस्थिर होने के कारण वह समय पर कुछ रिटर्न का भुगतान करने में असमर्थ रहा। याचिकाकर्ता ने कहा कि खेर उसे जान से मारने की धमकी दे रही थीं और दोगुनी रकम देने की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट भी की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने बकाया राशि वापस कर दी है।

    आरोपों पर विचार करते हुए और मामले की मेरिट्स पर जाए बिना, न्यायालय ने कहा, "यदि यह न्यायालय उन्हें फिलहाल सुरक्षा नहीं देता है तो यह संवैधानिक क्षेत्राधिकार का प्रयोग न करने के समान हो सकता है।"

    सुरक्षा के लिए निर्देश जारी करते समय, न्यायालय ने कुछ शर्तें लगाईं ताकि सुरक्षा का "दिखावा या दुरुपयोग" न हो।

    कोर्ट ने कहा यह सुरक्षा इस कड़ी शर्त के अधीन है कि जब से ऐसी सुरक्षा दी गई है, याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी चिकित्सा आवश्यकताओं को छोड़कर, घरेलू जरूरतों के सामान खरीदने और किसी मृत परिजन की शोक में शामिल होने के लिए अपने निवास स्थान की सीमाओं से बाहर नहीं जाएंगे।

    कोर्ट ने आगे स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता या उसकी पत्नी एक बार भी किसी भी शर्त का उल्लंघन करती है, तो सुरक्षा आदेश “इस न्यायालय के संदर्भ के बिना स्वचालित रूप से वापस ले लिया जाएगा और तैनात पुलिस कर्मियों के लिए परिसर छोड़ने की अनुमति होगी।”

    याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा, 'यह आदेश 19 दिसंबर 2023 को दोपहर 2 बजे लागू होगा।'

    केस टाइटलः चैतन्य अग्रवाल बनाम यूटी चंडीगढ़ राज्य और अन्य

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