पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को 'शहीद' का दर्जा देने की याचिका पर आदेश सुरक्षित, हाईकोर्ट ने कहा- यह सही समय नहीं
Shahadat
6 May 2025 12:31 PM IST

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को 'शहीद' घोषित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ पेशे से वकील आयुष आहूजा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस नागू ने याचिकाकर्ता से मौखिक रूप से पूछा,
"क्या उन्हें शहीद घोषित करना अनुच्छेद 226 के अंतर्गत आता है? कृपया एक मिसाल पेश करें। यह प्रशासनिक मामला है और नीति का सवाल है। इसे तय करने का काम कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए। क्या हम ऐसा कर सकते हैं?"
आहूजा ने जवाब में कहा,
"निर्दोष पर्यटकों को धर्म के नाम पर आतंकवादियों ने सिर पर गोली मार दी, उन्हें एक सैनिक की तरह उनका सामना करना पड़ा..."
याचिका का विरोध करते हुए केंद्र की ओर से उपस्थित ASG सत्य पाल जैन ने कहा,
"याचिकाकर्ता को पता नहीं है कि भारत सरकार क्या कर रही है। गृह मंत्री उसी शाम श्रीनगर पहुंच गए। हम दूसरे देश के साथ युद्ध के कगार पर हैं। यह ऐसे मुद्दे उठाने का समय नहीं है, हम अन्य चीजों को प्राथमिकता दे रहे हैं।"
तब चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा,
"भले ही कोई सैनिक मर जाए, उन्हें पुरस्कार के लिए विचार किया जाना चाहिए, लेकिन यह तुरंत नहीं दिया जाता है - इसमें समय लगता है, आमतौर पर कम से कम एक वर्ष।"
यह कहते हुए कि वह एक आदेश पारित करेगा, न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया।
दायर की गई जनहित याचिका में पहलगाम को "यादगार शहीद/शहीद हिंदू घाटी पर्यटन स्थल" घोषित करने के निर्देश भी मांगे गए।
केस टाइटल: आयुष आहूजा बनाम भारत संघ

