पंजाब विधानसभा में बेअदबी विरोधी विधेयक पेश, जानिये क्या हैं प्रावधान
Shahadat
16 July 2025 11:09 AM IST

"पंजाब में रहने वाले विभिन्न धार्मिक विश्वासों और आस्थाओं वाले लोगों के बीच धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने के लिए" पंजाब सरकार ने सोमवार को विधानसभा में 'पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक, 2025' पेश किया।
इस विधेयक में प्रस्तावित अधिनियम के तहत पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध "अपराध" करने पर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है।
"पवित्र ग्रंथ" की परिभाषा निम्नलिखित में से किसी भी ग्रंथ के रूप में की गई, जिसे संबंधित धार्मिक संप्रदायों द्वारा पवित्र माना जाता है। इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब या उनके अंश, जैसे पोथी और गुटका साहिब, श्रीमद्भगवद् गीता, कुरान शरीफ और पवित्र बाइबिल शामिल हो सकते हैं।
"अपराध" की परिभाषा में किसी भी पवित्र ग्रंथ या उसके किसी भाग का अपवित्रीकरण, क्षति, विनाश, विरूपण, विकृतीकरण, रंग-विरूपण, अपघटन, जलाना, तोड़ना या फाड़ना शामिल है।
विधेयक में परिभाषित नहीं किए गए शब्दों का अर्थ BNS, 2023 में परिभाषित अर्थ के समान होगा।
इस अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों की जाँच पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे के पुलिस अधिकारी द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है।
दंड
विधेयक के तहत दंडनीय अपराध की अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी, जो आजीवन कारावास तक बढ़ सकती है। साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा, जो 10 लाख रुपये तक हो सकता है।
इसमें आगे कहा गया,
"कोई भी व्यक्ति जो इस अधिनियम के तहत अपराध करने का प्रयास करता है, उसे तीन वर्ष से कम नहीं, जो पांच वर्ष तक बढ़ सकता है, कारावास से दंडित किया जाएगा। साथ ही तीन लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा।"
उद्देश्य
अधिनियम के उद्देश्य में कहा गया कि हाल के दिनों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, श्रीमद्भागवत गीता, पवित्र कुरान और अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी करके राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के प्रयास किए गए हैं।
आगे कहा गया,
"सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने और ऐसी बेअदबी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

