सुप्रीम कोर्ट में पेश मेरे टीवी इंटरव्यू की ट्रांसक्रिप्शन कॉपी मुझे आधी रात तक उपलब्ध कराएं': जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया

Avanish Pathak

28 April 2023 12:41 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट में पेश मेरे टीवी इंटरव्यू की ट्रांसक्रिप्शन कॉपी मुझे आधी रात तक उपलब्ध कराएं: जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया

    कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने आज सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया कि वह आधी रात तक उन्हें उनके द्वारा मीडिया में दिए गए साक्षात्कार की ट्रांसक्रिप्ट कॉपी उपलब्ध कराएं, जिसे सुप्रीमकोर्ट के समक्ष रखा गया था।

    जिसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंड‌िया के नेतृत्व वाली बेंच ने कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस को राज्य में प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले (जिसकी सुनवाई वर्तमान में जस्टिस गंगोपाध्याय के कोर्ट में सुनवाई हो रही है) से संबंधित मामले को किसी और जज को सौंपने का निर्देश दिया है।

    जस्टिस गंगोपाध्याय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उक्‍त आदेश पारित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने साक्षात्कार के आधिकारिक अनुवाद की प्रति और हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के हलफनामे का रात 12:15 बजे तक अपने कक्ष में प्रतीक्षा करेंगे।

    आदेश में कहा गया,

    "पारदर्शिता के लिए, मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश देता हूं कि वे मेरे सामने रिपोर्ट और मेरे द्वारा मीडिया में दिए गए साक्षात्कार का आधिकारिक अनुवाद और इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल का हलफनामा आज मध्यरात्रि 12 बजे तक पेश करें। पारदर्शिता के लिए यह आवश्यक है। मैं आज मध्यरात्रि में 12:15 बजे तक अपने कक्ष में दो सेट मूल प्रतियों की प्रतीक्षा करूंगा, जिन्हें आज सुप्रीम कोर्ट में के माननीय न्यायाधीशों के समक्ष रखा गया है।"

    महत्वपूर्ण रूप से, जस्टिस गंगोपाध्याय द्वारा आदेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश के कुछ देर बात आया है।

    अब तक, इस मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय देख रहे थे, जिन्होंने सीबीआई और ईडी को टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ करने का निर्देश दिया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गंगोपाध्याय के एबीपी आनंद के साक्षात्कार पर आपत्ति जताने के 4 दिन बाद यह आदेश पारित किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर बनर्जी के खिलाफ बात की थी। अदालत ने टिप्पणी की थी कि "न्यायाधीश लंबित मामलों पर साक्षात्कार नहीं दे सकते हैं," और स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या कथित बयान सिंगल जज दिए गए थे या नहीं।

    आदेश पारित करने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने उस संबंध में न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के हलफनामे के साथ इस न्यायालय के मूल पक्ष के अनुवाद विभाग द्वारा बनाई गई एक रिपोर्ट और ट्रांसक्रिप्ट का अवलोकन किया था।

    उक्त सामग्री को उसके निर्देशों के अनुसार SC के समक्ष दायर किया गया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने निम्नलिखित आदेश पारित किया,

    "इस अदालत के आदेश के अनुसार, रजिस्ट्री ने हलफनामा पेश किया है। हमने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के नोट पर विचार किया है और साक्षात्कार के ट्रांसक्रिप्‍ट का भी अवलोकन किया है। ट्रांसक्रिप्‍ट पर विचार करने के बाद, हम निर्देश देते हैं कि माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश कलकत्ता हाईकोर्ट मामले में लंबित कार्यवाही को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंप दें। जिस न्यायाधीश को इसे फिर से सौंपा गया है, वह उस संबंध में किसी भी आवेदन को लेने के लिए स्वतंत्र होगा। जो कोई भी आवेदन करना चाहता है, वह न्यायाधीश उस पर विचार करेगा।"

    पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि साक्षात्कार की ट्रांसक्रिप्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सही ठहराया है।



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