सीनियर वकीलों को डेजिग्नेट करने की प्रक्रिया समावेशी, विविधतापूर्ण क्षमता को दर्शाती है: बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को बताया

Shahadat

24 Oct 2025 4:27 PM IST

  • सीनियर वकीलों को डेजिग्नेट करने की प्रक्रिया समावेशी, विविधतापूर्ण क्षमता को दर्शाती है: बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को बताया

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (PHHCBA) ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर कहा कि सीनियर एडवोकेट को डेजिग्नेट करने की हालिया प्रक्रिया पारदर्शी, समावेशी और बार की विविधतापूर्ण क्षमता को दर्शाती है।

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 20 अक्टूबर को 76 वकीलों को सीनियर एडवोकेट के रूप में डेजिग्नेट किया है, जिनमें से पांच महिलाएं हैं। 2024 में सीनियर डेजिग्नेशन के लिए 210 वकीलों ने आवेदन किया था।

    PHHCBA के सचिव गगनदीप जम्मू ने 24 अक्टूबर को लिखा कि यह बहुप्रतीक्षित निर्णय न केवल फुल कोर्ट के सामूहिक विवेक को दर्शाता है, बल्कि हमारे बार में विद्यमान योग्यता, प्रतिभा और पेशेवर उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए चीफ जस्टिस शील नागू की ईमानदार प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

    इसमें आगे कहा गया,

    "योर लॉर्डशिप की ओर से विधिक प्रैक्टिस के विविध क्षेत्रों - दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक और अन्य विशिष्ट शाखाओं पर उचित ध्यान देने के विचारशील दृष्टिकोण ने यह सुनिश्चित किया कि डेजिग्नेशन प्रक्रिया समावेशी होने के साथ-साथ बार की विविध शक्तियों का प्रतिनिधित्व भी करती है। समिति और फुल कोर्ट द्वारा किए गए पारदर्शी और योग्यता-आधारित मूल्यांकन ने संस्थागत प्रक्रिया और न्यायिक प्रशासन की निष्पक्षता में विधिक बिरादरी के विश्वास को और बढ़ाया।"

    पत्र में आगे कहा गया कि चीफ जस्टिस के नेतृत्व में उठाया गया यह महत्वपूर्ण कदम पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह न केवल वकालत के मानकों को ऊंचा उठाएगा, बल्कि बार के युवा सदस्यों के लिए शिक्षा, नैतिकता और न्याय के लिए सेवा के आदर्शों के प्रति समर्पित होने हेतु प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।

    बार ने "प्रत्येक उम्मीदवार की योग्यता की जांच करने और इस लंबे समय से लंबित मामले को उसके उचित निष्कर्ष तक पहुंचाने में माननीय सदस्यों द्वारा लगाए गए समय, प्रयास और विचार की गहरी सराहना की। बार के योगदान को मान्यता देने में पीठ द्वारा दिखाई गई सहानुभूति और दूरदर्शिता, पीठ और बार के बीच आपसी सम्मान और सहयोग के रिश्ते को और मजबूत करेगी, जो मिलकर न्याय के दो स्तंभ हैं।"

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