'प्राथमिक शिक्षा नागरिकों का मौलिक अधिकार': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहजहांपुर स्कूल की जर्जर स्थिति पर यूपी सरकार से जवाब मांगा
Shahadat
21 Dec 2023 10:31 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर में प्राथमिक विद्यालयों की स्थितियों को उजागर करने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव का व्यक्तिगत हलफनामा मांगा।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने कहा,
"वर्तमान जनहित याचिका में उठाया गया मुद्दा, हालांकि अत्यधिक सार्वजनिक महत्व का है, लेकिन उत्तरदाताओं के लिए इसका कोई महत्व नहीं है।"
प्राथमिक विद्यालय, झाड़सा, ग्राम पंचायत जसवन्तपुर, ब्लॉक एवं तहसील पुवायां, जिला शाहजहाँपुर के भवन का बड़ा हिस्सा नियमित रखरखाव के अभाव के कारण गिर गया। कोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देशों के अनुसार, निरीक्षण समिति ने पाया कि 30 अन्य संस्थान ऐसे हैं, जो इतनी जर्जर हालत में हैं कि उनकी मरम्मत संभव नहीं है।
न्यायालय ने पाया कि निरीक्षण रिपोर्ट के बावजूद, "उत्तरदाताओं ने आसानी से उक्त रिपोर्ट पर आंखें मूंद लीं और इमारत को गिरने की अनुमति दे दी।"
यह देखा गया कि 1 दिसंबर 2023 को किए गए निरीक्षण में इमारतें मरम्मत से परे पाई गईं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि जब भी राज्य सरकार धनराशि उपलब्ध कराएगी, नए भवनों का निर्माण किया जाएगा।
कोर्ट ने कहा,
“प्राथमिक शिक्षा अब नागरिकों का मौलिक अधिकार है। बी.एस.ए. द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, उसी भवन का एक कमरा, जो उनके स्वयं के मामले के अनुसार मरम्मत योग्य नहीं है, उसका उपयोग कक्षाएं चलाने के लिए किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने रिट याचिका के पैरा 5 में विशेष रूप से अनुरोध किया कि इससे वहां पढ़ने वाले बच्चों के जीवन को खतरा है।
तदनुसार, न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को प्राथमिक विद्यालयों के भवनों के नियमित रखरखाव और मरम्मत के संबंध में राज्य सरकार की नीति, यदि कोई हो, का खुलासा करते हुए अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा। कोर्ट ने मुख्य सचिव को यह खुलासा करने का भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार मुद्दों को कैसे हल करने का प्रस्ताव रखती है।
केस टाइटल: चंद्र कला बनाम यूपी राज्य और 2 अन्य [जनहित याचिका (पीआईएल) नंबर - 2673/2023]
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