प्रयागराज हिंसा| अदालत ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में जावेद पंप को जमानत देने से इनकार किया

Avanish Pathak

6 Jun 2023 8:26 AM GMT

  • प्रयागराज हिंसा| अदालत ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में जावेद पंप को जमानत देने से इनकार किया

    प्रयागराज/इलाहाबाद कोर्ट ने सोमवार को वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के पूर्व नेता जावेद मोहम्मद 'पंप' को जून 2022 की प्रयागराज हिंसा की घटना से संबंधित एक मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। उक्त घटना में उन पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बीरेंद्र सिंह की अदालत ने कहा कि अभियुक्त के कथित कृत्य असामाजिक और गंभीर प्रकृति के हैं और इसलिए, वह जमानत पर रिहा होने योग्य नहीं है क्योंकि इस बात की संभावना है कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।

    कोर्ट ने कहा,

    "अभियोजन पक्ष के कागजातों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक/आरोपी के विरुद्ध आरोप यह है कि उसने अपने सह अभियुक्तों के साथ मिलकर धार्मिक विद्वेष फैलाने और एक धर्म विशेष के प्रति आक्रोश पैदा करने के इरादे से सरकारी कार्य में बाधा डाली, क्षति पहुंचाई। पीएसी के ट्रक में आग लगाकर सार्वजनिक संपत्ति व आगजनी की... अभियुक्त के 14 मामलों का आपराधिक इतिहास प्रस्तुत किया गया है।"

    मौजूदा मामला पंप के खिलाफ प्रयागराज हिंसा की घटना से संबंधित दर्ज 5 मामलों में से एक है। इस मामले में आईपीसी की धारा 147/427 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा 3/5 के तहत प्रयागराज हिंसा के दौरान पथराव करने और मेसर्स प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

    न्यायालय के समक्ष, उनके वकील ने तर्क दिया कि एफआईआर में उनका नाम नहीं था और उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के कारण मामले में झूठा फंसाया गया है। यह भी प्रस्तुत किया गया कि वह एक 56 वर्षीय व्यक्ति है जो उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित है और नियमित रूप से इंसुलिन का उपयोग करते हैं और इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।

    उधर, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी एक शातिर अपराधी है, जिसका कई मामलों का आपराधिक इतिहास रहा है और कथित अपराध गैर जमानती और गंभीर प्रकृति के हैं और इसलिए, उसे चाहिए जमानत पर रिहा न किया जाए।

    उक्त टिप्पणियों के साथ अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

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