प्रयागराज हिंसा- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जून 2022 से जेल में बंद आरोपी-छात्र को जमानत दी

Brij Nandan

8 Nov 2022 5:32 AM GMT

  • प्रयागराज हिंसा

    प्रयागराज हिंसा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज हिंसा मामले में करीब 5 महीने जेल में बंद छात्र को जमानत दी।

    जस्टिस राज बीर सिंह की खंडपीठ ने संबंधित अदालत की संतुष्टि के लिए निजी बॉन्ड भरने और इतनी ही राशि के दो-दो जमानतदार पेश करने की शर्त पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

    10 जून को, प्रयागराज में अटाला और उसके आसपास के इलाकों में हिंसा भड़क उठी, जब पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता के विवादास्पद बयानों के विरोध में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में युवाओं के इकट्ठा हुए थे।

    इस घटना से संबंधित एक प्राथमिकी यूपी पुलिस द्वारा 70 नामित और 5000 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भीड़ (आरोपी और अन्य व्यक्तियों सहित) ने दूसरे धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ नारे लगाए, दंगा किया और पथराव किया और इस तरह कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और कुछ पुलिस अधिकारियों को चोटें आई हैं।

    आरोपी (मोहम्मद साजिद) को 12 जून को आईपीसी की धारा 505(2), 506, 120बी, 143, 144, 145, 147, 148, 149, 153A, 153B, 295A, 307, 332, 336, 353, 435, 427, 504 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/4/5 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 83 और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा ¾ के तहत मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

    उच्च न्यायालय के समक्ष, अपनी जमानत याचिका में, उन्होंने तर्क दिया कि उनका नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट में नहीं है और जांच के दौरान उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है, उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है।

    मामले के तथ्यों का हवाला देते हुए आगे कहा गया कि कथित घटना में उसकी संलिप्तता अत्यधिक विवादित है। पीठ को यह भी बताया गया कि इसी तरह के सह-आरोपियों को अदालत की समन्वय पीठों द्वारा पहले ही जमानत दी जा चुकी है।

    आरोपी की दलीलों, हिरासत की अवधि और मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मामले के मैरिट पर कोई राय व्यक्त किए बिना, अदालत ने उसे जमानत दे दी।

    केस टाइटल- मो. साजिद बनाम यूपी राज्य [आपराधिक विविध जमानत आवेदन संख्या – 45548 ऑफ 2022]

    केस साइटेशन: 2022 लाइव लॉ 485

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