'रावण, भगवान हनुमान का चित्रण भारतीय सभ्यता से अलग; संवाद बहुत ही सस्ते': 'आदिपुरुष' के प्रदर्शन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका

Avanish Pathak

23 Jun 2023 3:50 PM IST

  • रावण, भगवान हनुमान का चित्रण भारतीय सभ्यता से अलग; संवाद बहुत ही सस्ते: आदिपुरुष के प्रदर्शन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका

    ओम राउत निर्दे‌शित विवा‌दित फिल्म आदिपुरुष के प्रदर्शन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले से लंबित एक जनहित या‌चिका में एक संशोधन आवेदन दायर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि आदिपुरुष फिल्म में रावण और भगवान हनुमान जैसे पात्रों का चित्रण भारतीय सभ्यता से पूरी तरह अलग है।

    संशोधन याचिका में मनोज मुंतशिर शुक्ला के संवादों पर भी आपत्ति जताई गई है। उन्हें 'हास्यास्पद, 'गंदा' और 'रामायण युग की महिमा के खिलाफ' बताया गया है। लंबित जनहित याचिका में शुक्ला को प्रतिवादी के रूप में शामिल करने की मांग की गई है।

    संशोधन याचिका में कहा गया है,

    "मनोज मुंतशिर ने समृद्ध संस्कृति और सबसे पुरानी सभ्यता यानी सनातन संस्कृति पर हमला किया है, और फिल्म के संवाद लिखते समय, उन्होंने हमारे देवताओं की भाषा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है, हमारे आइकन और रोल मॉडल के चरित्रों का हनन किया है...(शुक्ला) ने रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर आपत्तिजनक, बहुत निम्न स्तर के, सस्ते और हास्यास्पद संवाद लिखे हैं ... फिल्म में धार्मिक पात्रों को गलत और अनुचित तरीके से प्रस्तुत करके हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा गया है, जो महर्षि वाल्मिकी और संत तुलसीदास जैसे लेखकों द्वारा दिए गए विवरणों के खिलाफ है।"

    जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप तिवारी और बंदना कुमार ने वकील रंजना अग्निहोत्री और सुधा शर्मा के माध्यम से पिछले साल दिसंबर में दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि फिल्म महान महाकाव्य रामायण के पात्रों पर आक्षेप लगाती है और अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत की छवि को धूमिल करती है।

    जनहित याचिका में आगे कहा गया कि फिल्म का ट्रेलर भद्दा और अश्लील है, जिसके परिणामस्वरूप हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

    हालांकि हाईकोर्ट ने इस साल जनवरी में मामले की सुनवाई करते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को नोटिस जारी किया था, लेकिन बोर्ड की ओर से इस मामले में कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है।

    याचिकाकर्ताओं के अनुसार, इस मामले में संशोधन याचिका दायर करने का अवसर इस तथ्य के मद्देनजर आया कि फिल्म अब रिलीज हो गई है, जिससे रावण और भगवान हनुमान जैसे धार्मिक पात्रों के गलत और अनुचित चित्रण के कारण देश भर में आलोचना और नाराजगी पैदा हो रही है।

    संशोधन याचिका में कहा गया है,

    "फिल्म में रावण और भगवान हनुमान जैसे पात्रों का चित्रण पूरी तरह से भारतीय सभ्यता से अलग है। फिल्म में सैफ अली खान द्वारा निभाया गया रावण का दाढ़ी वाला लुक हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत कर रहा है, ब्राह्मण रावण को कच्चा लाल मांस खिलाते दिखाया गया है, वह गलत तरीके से भयानक चेहरा बना रहा है, जो हिंदू सभ्यता का अपमान है।"

    संशोधन याचिका में फिल्म से आपत्तिजनक संवादों और दृश्यों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

    वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को फिल्म आदिपुरुष में कथित आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। फिल्म के खिलाफ याचिका को अस्थायी तौर पर 30 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

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