'पुलिस अपराधियों के रूप में कार्य करती प्रतीत हो रही है, रक्षकों को भक्षक नहीं बनना चाहिए; आधी रात को अवैध छापेमारी के मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई
LiveLaw News Network
25 Oct 2021 1:08 PM IST
दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में दिल्ली पुलिस को रात के करीब 2:30 बजे एक व्यक्ति के घर में घुसने के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि छापेमारी, तोड़फोड़, व्यक्ति और उसके परिजनों को घायल करने के ऐसे अवैध कार्य को बिना किसी कारण के 'सबसे खराब स्थिति' कहा जा सकता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंदर बेदी ने रक्षकों को भक्षक नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों का पालन करने के बजाया पुलिस अधिकारियों ने अपराधियों की तरह काम किया।
कोर्ट ने कहा, "बाइबल में कहा जाता है, यदि नमक ने अपना स्वाद खो दिया है, तो उसे किससे नमकीन किया जाएगा?" या जैसा कि पुराने रोमन आमतौर पर कहते थे "प्रेटोरियन गार्ड की रक्षा कौन करेगा?" कथित विशिष्ट जानकारी की बिनाह पर आवेदक के घर पर छापा मारा गया। जैसा कि पुलिस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।"
राज्य कहा कहना था कि छापेमारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी, क्योंकि दो अपराधी उसके घर में छिपे हुए थे। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया पुलिस के पास कथित विशिष्ट सूचना के तथ्य के समर्थन में कुछ भी नहीं था कि आवेदक आरोपी व्यक्तियों को पनाह दे रहा था।
"उनकी ओर से कानून के अनुसार कड़ाई से जांच करना अनिवार्य है, निष्पक्ष तरीके से बिना किसी बाहरी विचारों से प्रभावित हुए। रक्षकों को भक्षक नहीं बनना चाहिए।"
कोर्ट ने यह टिप्पणियां उस व्यक्ति की ओर से मामले में दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई में की। याचिका में उसने कहा था कि पुलिस वालों ने उसे पैरों और मुट्ठी पर आग्नेयास्त्रों के बट और तेज धार वाले हथियारों से पीटा था।
कोर्ट का विचार था कि पुलिस द्वारा वरिष्ठों के आदेश पर की गई कथित छापेमारी के कारण के समर्थन में प्रथम दृष्टया कुछ भी नहीं था। कोर्ट ने व्यक्ति को अग्रिम जमानत दी गई और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर को दो सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।