केरल में POCSO कोर्ट ने मदरसा टीचर को सुनाई 187 साल की सजा, यह था मामला

Shahadat

10 April 2025 2:13 PM

  • केरल में POCSO कोर्ट ने मदरसा टीचर को सुनाई 187 साल की सजा, यह था मामला

    केरल में तलिपरम्बा फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने मदरसा टीचर को COVID-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान 14 वर्षीय स्टूडेंट का दो साल से अधिक समय तक यौन शोषण करने के आरोप में 187 साल जेल की सजा सुनाई।

    स्पेशल कोर्ट जज आर राजेश ने अलाकोडे पंचायत के उदयगिरी के मूल निवासी 41 वर्षीय मोहम्मद रफी को POCSO Act और भारतीय दंड संहिता (IPC) आईपीसी की धाराओं के तहत नाबालिग लड़की पर बार-बार हमला करने का दोषी पाया। अदालत ने दोषी पर 9.10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

    स्पेशल कोर्ट ने रफी ​​को POCSO Act की धारा 5 (टी) (बार-बार यौन उत्पीड़न करने वाले अपराधियों) के तहत 50 साल के कठोर कारावास (आरआई), IPC की धारा 376 (3) के तहत 25 साल (16 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ बलात्कार करने के लिए), IPC की धारा 506 (2) के तहत दो साल (आपराधिक धमकी के लिए), POCSO Act की धारा 5 (1) और 5 (एफ) के तहत 35-35 साल (विश्वास के पद पर किसी व्यक्ति जैसे शिक्षक द्वारा बार-बार बलात्कार करने के लिए), यौन उत्पीड़न के लिए 20 साल और जबरन मुख मैथुन के लिए 20 साल की सजा सुनाई।

    मामले के अनुसार, रफी ने मार्च, 2020 में लड़की का शोषण करना शुरू किया। उस वक्त वह मात्र 14 साल की थी। उक्त बच्ची का यौन शोषण 2021 तक जारी रहा। उसने उसे किसी को भी इस घटना के बारे में न बताने की धमकी भी दी। यह घटना तब सामने आई, जब लड़की के माता-पिता ने उसके व्यवहार में बदलाव देखा और उसे पढ़ाई में ध्यान देने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद वे उसे परामर्श केंद्र ले गए, जहां उसने यौन शोषण का खुलासा किया।

    मामले में सरकारी वकील शेरिमोल जोस ने टीचर को इतनी लंबी सजा सुनाने पर बताया,

    "इतनी लंबी सज़ा इसलिए सुनाई गई, क्योंकि उन्होंने ये अपराध एक से अधिक बार किया।"

    जोस ने कहा कि रफी बच्ची को धमकी देकर अपने क्लासरूम से लगे दूसरे क्लासरूम में ले जाता था और वहां उसके साथ रेप करता था। उन्होंने कहा कि इसका मतलब ये कि COVID-19 के दौरान गैर अधिकृत तौर पर क्लासरूम में पढ़ाई कराई जा रही थी।

    वकील ने आगे कहा,

    "इन घटनाओं के बाद रफ़ी की पत्नी ने उनसे तलाक ले लिया।"

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